बिहार में दिसंबर (Bihar Weather Update) की दस्तक के साथ ही ठंड ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। उत्तर-पश्चिम से चल रही पछुआ हवा ने प्रदेश भर में न्यूनतम तापमान को तेजी से नीचे धकेल दिया है, जिसके कारण लोग ठिठुरन महसूस कर रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, राज्य के कई इलाकों में 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिसके चलते रात और सुबह के तापमान में और गिरावट के आसार बनाए हुए हैं। बीते 24 घंटों में औरंगाबाद का तापमान करीब 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे निचला स्तर है। गया, नवादा, शेखपुरा, कैमूर और रोहतास सहित करीब 8 जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है, और एक ही दिन में 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखी गई है।
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मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में बिहार के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान 7 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा, जबकि अधिकतम तापमान 24 से 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। सुबह और देर रात की ठंड सबसे ज्यादा महसूस की जाएगी, जबकि दोपहर में हल्की धूप अस्थायी राहत का अहसास करा सकती है। इसके बावजूद हवा में ठंडक इतनी गहरी है कि दिन में भी हल्की ठिठुरन बनी रहेगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर-पश्चिम दिशा से आने वाली तेज ठंडी हवाएं बिहार की जलवायु को लगातार प्रभावित कर रही हैं और शीतलहर की स्थिति अभी बनने की संभावना कम है, लेकिन तापमान में गिरावट का यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।
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राजधानी पटना में भी सर्दी का असर तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में यहां न्यूनतम तापमान 11 से 13 डिग्री के बीच रहने की संभावना जताई गई है। सुबह के समय हल्का कोहरा देखने को मिल सकता है, जिससे विजिबिलिटी प्रभावित हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड और तेज होगी और रात का तापमान किसानों और आम जनजीवन के लिए चुनौती पैदा कर सकता है। बढ़ती सर्दी के साथ लोग गर्म कपड़ों की तलाश में दुकानों पर भीड़ लगा रहे हैं और रजाई-कंबल की बिक्री में उछाल देखा जा रहा है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए स्वास्थ्य और यात्रा को लेकर सावधान रहना जरूरी है, क्योंकि अचानक ठंड बढ़ने से बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा समस्या हो सकती है।




















