अहमदाबाद में प्लेन क्रैश में बेगूसराय के मेडिकल स्टूडेंट रितेश कुमार शर्मा (24) भी घायल हुए हैं। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। रितेश BJ मेडिकल कॉलेज अहमदाबाद में सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं। चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के मेहदा शाहपुर गांव के रहने वाले हैं। सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की बिल्डिंग से जिस समय एयर इंडिया का विमान टकराया वह उस समय अपने साथियों के साथ दोपहर का खाना खा रहे थे।
रितेश, ललन शर्मा के इकलौते बेटे हैं। हादसे के समय हॉस्टल के मेस में 7 दोस्तों के साथ बैठकर खाना रहे थे। 2 दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 5 लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। दोस्तों ने परिवार को हादसे की जानकारी दी। इसके बाद परिवार अहमदाबाद पहुंचा। मां सुनैना देवी बेटे के जल्द स्वस्थ्य होने के लिए घर में पूजा-अर्चना कर रही हैं।
रितेश ने बताया कि ‘ब्लास्ट होने पर कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है। 1 बजकर 40 मिनट का समय रहा होगा। हम सभी साथी मेस में एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे।’ ‘एअर इंडिया की जो फ्लाइट हादसे की शिकार हुई, वो दिल्ली से अहमदाबाद आई थी। इसके बाद अहमदाबाद से लंदन के लिए सरदार पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यात्रियों को बैठाने के बाद फ्लाइट ने टेकऑफ किया।’
‘चंद सेकेंड बाद ही जो भी तकनीकी खराबी आई हो, एअर इंडिया की फ्लाइट हवा में डगमगाने लगी और ऊपर जाने के बजाए, नीचे आने लगी।’ ‘एयरपोर्ट रनवे से हम लोगों की मेस की दूरी करीब 3 से 4 किलोमीटर है। हवा में डगमगाने के बाद प्लेन हमारी मेस की पहली वाली बिल्डिंग से टकराया। फिर उसके आगे का हिस्सा हमारी मेस में घुस गया।’
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‘मैं दीवार से दूसरे बेंच पर खाना खा रहा था। हवाई जहाज का अगला हिस्सा घुसने के बाद सारा मलबा बेंच पर गिरा। मेरे दोनों पैर टेबल और मलबे के भार से दब गए। इस दौरान मेरे पास दो लड़के और थे, जो मलबे में दब गए। फिर सीनियर्स आए और किसी तरह हम लोगों को मलबे से बाहर निकाला। दो दिन तक अस्पताल में रहा।’
‘जब ब्लास्ट हुआ तो हम लोगों को कुछ समझ ही नहीं आया। हमारे मेस का सिलेंडर भी हाई टेम्प्रेचर की चपेट में आने से ब्लास्ट हो गया। एक मेरा दोस्त किचन में ही खाना ले रहा था, उसकी वही मौत हो गई। घटना के बाद शाम 7 बजे उसकी डेडबॉडी निकाली गई है। हम लोग सात लोग एक टेबल पर खाना खा रहे थे, जिसमें से 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 5 लोगों का इलाज चला।’
रितेश ने आगे कहा, ‘जो फ्लाइट में इकलौता पैसेंजर बचा था, उसका भी मेरे केबिन के पास ही इलाज जारी है। फिलहाल, मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। मामा लेने आए हैं, मेरे मामा दार्जलिंग में डॉक्टर हैं, उनके पास ही जा रहा हूं। इंटरनल इंज्युरी है, चल नहीं पा रहा हूं। डॉक्टर ने बेड रेस्ट के लिए कहा है, कॉलेज भी ऑफ कर दिया गया है। MBBS सेकेंड ईयर का स्टूडेंट हूं। सोमवार से एग्जाम होने वाला था।’