बिहार दौरे पर आये अमित शाह ना सिर्फ एनडीए की ताकत बढ़ाने की रणनीति साझा करेंगे, बल्कि कार्यकर्ताओं को विरोधियों से मुकाबले के सटीक राजनीतिक टिप्स भी देंगे.बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा उन इलाकों को लेकर खास प्लान तैयार कर रही है, जिन इलाकों में पार्टी या गठबंधन की स्थिति कमजोर रही है. खास कर शाहबाद का इलाका पार्टी और गठबंधन के लिए एक चुनौती बनी हुई है. शाहाबाद और मगध के इलाके में पार्टी और गठबंधन का प्रदर्शन कमजोर रहा है और 2024 के चुनाव में तो यहां से पार्टी का खाता तक नहीं खुला. ऐसे में इस बार भाजपा आलाकमान कोई रिक्स लेना नहीं चाहता है. अगले 10 दिनों में दो बार बिहार आ रहे गृहमंत्री अमित शाह का मुख्य फोकस बिहार के शाहाबाद पर है.
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शाहाबाद में एनडीए की स्थिति चिंताजनक रही है. शाहाबाद क्षेत्र में वाम दलों की मजबूत मौजूदगी एनडीए को चुनौती है. भाजपा इसे भांपते हुए अपने सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने में जुटी है. अमित शाह का बिहार दौरा सिर्फ सियासी रैलियों तक नहीं, बल्कि तीन प्रमुख मोर्चों रणनीति, संवाद और समन्वय पर कार्य करने की कोशिश है. अगले दो सप्ताह में अमित शाह 5000 कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर टिकट वितरण और चुनावी मोर्चेबंदी की दिशा तय करेंगे. इस दौरान अमित शाह ना सिर्फ एनडीए की ताकत बढ़ाने की रणनीति साझा करेंगे, बल्कि कार्यकर्ताओं को विरोधियों से मुकाबले के सटीक राजनीतिक टिप्स भी देंगे.
गृह मंत्री अमित शाह रोहतास और बेगूसराय में बूथ से लेकर जिला स्तर तक के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कर चुनावी तैयारी का फीडबैक लेंगे. साथ ही प्रत्याशियों की लोकप्रियता और स्थानीय प्रभाव को लेकर नेताओं से भी विस्तार से विमर्श करेंगे, ताकि विधानसभा चुनाव में जीत की रणनीति को मजबूती दी जा सके. गृह मंत्री अमित शाह की बैठक में जिला अध्यक्ष जिला प्रभारी क्षेत्रीय प्रभारी सहित प्रदेश और उस इलाके के कार्य समिति के सदस्य हिस्सा लेंगे. जिला अस्तर के कोर कमेटी के नेताओं को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है. गृह मंत्री अमित शाह यह जानने की भी कोशिश करेंगे कि कौन से विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कौन उम्मीदवार सशक्त है.






















