जयपुर : राजस्थान कांग्रेस के दो दिग्गज नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच लंबे समय से चला आ रहा तनाव शनिवार को जयपुर में हुई एक भावनात्मक मुलाकात के साथ खत्म होता नजर आ रहा है। इस एक घंटे से अधिक चली बैठक ने न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह पैदा किया है, बल्कि राज्य की राजनीति में भी नई चर्चाओं को जन्म दिया है।
पिता की पुण्यतिथि पर मिले दोनों नेता
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 11 जून को दौसा में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया। यह मुलाकात 2020 के उस सियासी संकट के बाद हुई है, जब पायलट ने गहलोत के नेतृत्व को चुनौती दी थी, जिससे राज्य सरकार पर खतरा मंडराने लगा था। तब से दोनों नेताओं के रिश्ते तनावपूर्ण रहे, लेकिन यह पहली बार है जब दोनों सार्वजनिक रूप से एक साथ दिखाई दिए।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए फोटो और वीडियो
मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो और वीडियो शेयर कर इस घटना की जानकारी दी। अशोक गहलोत ने एक वीडियो के साथ लिखा, “एआईसीसी महासचिव सचिन पायलट ने मुझे राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया। हम 1980 में पहली बार एक साथ लोकसभा पहुंचे और 18 साल तक साथ रहे। उनके आकस्मिक निधन का दुख आज भी बना हुआ है।” वहीं, सचिन पायलट ने तस्वीर शेयर कर कहा, “आज पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और उन्हें 11 जून को दौसा में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में शामिल होने का निवेदन किया।”
राजनीतिक प्रभाव की संभावना
यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब कांग्रेस पार्टी राज्य में आगामी संगठनात्मक निर्णयों की तैयारी कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को रोकने और पार्टी की एकता को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। 2018 के विधानसभा चुनावों में दोनों नेताओं के बीच मतभेद ने कांग्रेस की स्थिति को कमजोर किया था, जिसका फायदा बीजेपी ने उठाया था। अब, इस सुलह से राजस्थान में कांग्रेस की सियासी तस्वीर बदलने की उम्मीद जगी है।