बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Bihar Vidhansabha Winter Session) इस बार ऐतिहासिक बदलावों की ओर कदम बढ़ाने वाला है। सोमवार से शुरू हो रहे इस सत्र में सदन पूरी तरह पेपरलेस मोड में काम करेगा, जिससे राज्य की विधायी प्रक्रिया एक नए डिजिटल दौर में प्रवेश कर रही है। अब तक जिन कागजी फाइलों, दस्तावेजों और नोट्स पर विधानसभा की कार्यवाही चलती थी, उनकी जगह अब टैबलेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म ले चुके हैं। सवाल, जवाब, सूचना, भाषण, संशोधन और वोटिंग—हर प्रक्रिया ‘नेशनल ई-विधान’ (NEVA) प्लेटफॉर्म के जरिए संचालित होगी, जिससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत होगी।
डिजिटल अपग्रेडेशन के साथ विधानसभा का माहौल भी हाई-टेक होने जा रहा है। सदन में हाई-स्पीड वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई है और सभी विधायकों की सीटों पर टैबलेट लगाए गए हैं। सचिवालय के अधिकारियों को भी टैबलेट दिए गए हैं ताकि पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली एकरूप और सुचारू रहे। सदन में लगाए गए उन्नत सेंसर माइक और छह बड़े डिस्प्ले स्क्रीन वास्तविक समय में वोटिंग रिज़ल्ट और कार्यवाही के अन्य पहलू दिखाएंगे। लाइव प्रसारण से पारदर्शिता का नया मानक स्थापित होगा, जिसकी राज्य भर में सराहना हो रही है।
आज से 18वीं विधानसभा का पहला सत्र.. सदन में किए गए हैं बड़े बदलाव, कल चुना जाएगा नया स्पीकर
इस सत्र की राजनीतिक विशेषता भी कम दिलचस्प नहीं है। लगभग दस वर्षों बाद सत्ता पक्ष में 200 से अधिक विधायक बैठेंगे, जिसने सदन का समीकरण पूरी तरह बदल दिया है। NDA के भारी बहुमत ने बहसों के स्वर और गति दोनों में बदलाव की संभावनाएं बढ़ा दी हैं, जबकि विपक्ष की संख्या मात्र 38 पर सिमटी हुई है। स्पष्ट बहुमत के कारण सरकार के लिए विधायी एजेंडा आगे बढ़ाना पहले से आसान हो जाएगा, लेकिन इसके साथ ही विपक्ष पर भी अधिक प्रभावी तरीके से अपनी भूमिका निभाने का दबाव रहेगा।
सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण किया जाएगा। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव नव-निर्वाचित प्रतिनिधियों को शपथ दिलाएंगे। इसके तुरंत बाद नए विधानसभा अध्यक्ष के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। अनुमान है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार निर्विरोध स्पीकर चुने जा सकते हैं। हालांकि यदि एक से अधिक नामांकन होते हैं, तो दो दिसंबर को मतदान की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।






















