बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमवार को यह ऐलान कर दिया कि वह अब बिहार चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी। झामुमो के बिहार चुनाव प्रभारी और झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह फैसला भारी दुख और गुस्से के साथ लिया गया है, क्योंकि राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) ने झामुमो के साथ “खुला राजनीतिक धोखा” किया है।
सोनू ने कहा कि झामुमो को गठबंधन में जानबूझकर हाशिए पर धकेला गया और सीटों के बंटवारे में पार्टी की हिस्सेदारी को साजिश के तहत कुचल दिया गया। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा गठबंधन धर्म निभाया, लेकिन हमारे समर्पण का जवाब सियासी बेईमानी से दिया गया।”
उन्होंने याद दिलाया कि 2019 में जब हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में सरकार बनी, तब राजद के एक विधायक को मंत्री पद देकर झामुमो ने अपना भरोसा और वचन निभाया था। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने महागठबंधन को समर्थन देकर मजबूती दी थी, लेकिन इस बार उसी गठबंधन ने झामुमो को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज पांडे ने कहा कि झामुमो ने बिहार में छह सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर ली थी, लेकिन INDIA गठबंधन की ओर से यह संदेश आया कि उन्हें “समायोजित” किया जाएगा। इंतजार की सीमा पार हो गई, पर किसी ने संवाद तक नहीं किया। उन्होंने कहा, “हमें भ्रमित रखा गया, न तो स्पष्टता दी गई और न ही सम्मानजनक स्थान। इसलिए पार्टी ने साफ निर्णय लिया है कि हम इस बार चुनाव से बाहर रहेंगे।”