बिहार बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर उठे बवंडर के बीच कुम्हरार विधानसभा सीट पर एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। कायस्थ समाज के प्रभावशाली गढ़ माने जाने वाले इस क्षेत्र से इस बार किसी कायस्थ नेता को टिकट नहीं मिला। पार्टी ने वैश्य समाज से आने वाले संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है, जिससे कायस्थ समाज में गहरा असंतोष देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव समिति की बैठक में कुम्हरार सीट के लिए तीन नामों पर चर्चा हुई ऋतुराज सिन्हा, संजय मयूख और रणबीर नंदन। ये तीनों ही कायस्थ समाज से आते हैं। लेकिन बैठक के दौरान समिति में मौजूद कायस्थ सांसद रविशंकर प्रसाद और दीपक प्रकाश ने किसी भी नाम पर समर्थन नहीं दिया। जबकि अन्य जातियों के नेता अपने समाज के उम्मीदवारों की जोरदार पैरवी करते दिखे।
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सूत्र यह भी बताते हैं कि जब दोनों कायस्थ सांसदों ने चुप्पी साध ली, तो संगठन मंत्री भीखूभाई दालसानिया और प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मिलकर फैसला किया कि इस सीट से वैश्य समाज के प्रतिनिधि संजय गुप्ता को टिकट दिया जाए।
राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठ रहा है कि पटना साहिब से सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने आखिर इस फैसले पर आपत्ति क्यों नहीं जताई। पार्टी के भीतर यह भी चर्चा है कि अगर वे बोलते, तो उनके रुख को निश्चित रूप से प्राथमिकता मिलती।
कायस्थ समाज अब खुलकर नाराजगी जता रहा है। कई संगठन और सामाजिक प्रतिनिधि यह कह रहे हैं कि आगामी चित्रगुप्त पूजा में जब रविशंकर प्रसाद पंडालों का दौरा करेंगे, तो उन्हें इस सवाल का सामना करना पड़ेगा कि आपके रहते कुम्हरार की सीट कैसे निकल गई?






















