बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आते ही महागठबंधन के भीतर मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जहां तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर चुनावी मैदान में उतरना चाहती है, वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर अब तक झुकने को तैयार नहीं दिख रही। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव नतीजों के बाद ही होगा।
पटना में कन्हैया कुमार की ‘नौकरी दो, पलायन रोको’ यात्रा के समापन पर पहुंचे सचिन पायलट ने महागठबंधन की रणनीति पर बड़ा बयान दिया। जब उनसे सीएम फेस को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पहले बहुमत हासिल करना जरूरी है, उसके बाद ही मुख्यमंत्री का फैसला किया जाएगा। कांग्रेस के इस रुख से साफ संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी अब तेजस्वी यादव को बिना शर्त समर्थन देने के मूड में नहीं है।
कांग्रेस इससे पहले भी कई मौकों पर यह जता चुकी है कि वह अब बिहार की राजनीति में महज आरजेडी की सहायक भूमिका निभाने वाली पार्टी नहीं रहेगी। बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू पहले ही कह चुके हैं कि गठबंधन जारी रहेगा, लेकिन मुख्यमंत्री पद पर फैसला चुनाव के बाद होगा। यही बात पिछले महीने दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में भी तय की गई थी, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी मौजूद थे।
महागठबंधन में अब इस मुद्दे पर टकराव बढ़ सकता है। आरजेडी के नेता पूरी तरह से तेजस्वी को सीएम फेस मान रहे हैं और कांग्रेस पर भी इसी फैसले को स्वीकार करने का दबाव बना रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस इस बार ‘आरपार’ की रणनीति पर चल रही है। राहुल गांधी के लगातार बिहार दौरों और संगठन में बदलाव के संकेत स्पष्ट कर रहे हैं कि कांग्रेस अपने हिस्से की सीटों और सत्ता में भागीदारी को लेकर इस बार ज्यादा सख्त रुख अपनाएगी।