बिहार में पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया अब और आसान होने जा रही है। विदेश मंत्रालय ने राज्य में दो नए पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) खोलने का फैसला किया है। 22 मार्च से मधुबनी के राजनगर और मुजफ्फरपुर के बखरा में नए केंद्र खुलेंगे, जिससे राज्य के नागरिकों को पासपोर्ट आवेदन में और सहूलियत मिलेगी।
बिहार में अब कुल 37 पासपोर्ट सेवा केंद्र
राजनगर और बखरा में POPSK खुलने के बाद बिहार में कुल 37 पासपोर्ट सेवा केंद्र हो जाएंगे। दोनों नए केंद्रों पर हर दिन 45 आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, हालांकि यह संख्या ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट की उपलब्धता पर निर्भर करेगी।
हर लोकसभा क्षेत्र में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने की योजना
केंद्र सरकार ने बिहार के सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में कम से कम एक पासपोर्ट सेवा केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। इसका मकसद यह है कि आवेदनकर्ताओं को अपने जरूरी कागजात जमा करने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े और पासपोर्ट प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
कौन-कौन से केंद्र लेते हैं सबसे ज्यादा आवेदन?
बिहार में अलग-अलग POPSK पर प्रतिदिन लिए जाने वाले पासपोर्ट आवेदन की संख्या अलग-अलग है।
- सीवान POPSK – सबसे ज्यादा, 85 आवेदन प्रतिदिन।
- गोपालगंज POPSK – 55 आवेदन प्रतिदिन।
- राजनगर और बखरा POPSK – 45 आवेदन प्रतिदिन।
कैसे होता है पासपोर्ट प्रोसेसिंग का काम?
- पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) आवेदन स्वीकार और प्रोसेस करता है।
- कागजातों की सत्यता की जांच और पासपोर्ट निर्गत करने का काम क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (RPO) द्वारा किया जाता है।
- पासपोर्ट मिलने में औसतन एक महीने का समय लगता है, जिसमें पुलिस वेरिफिकेशन में 12-15 दिन का समय लगता है।
बिहार में पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया होगी तेज़
इन दो नए केंद्रों के खुलने से बिहार के नागरिकों को पासपोर्ट आवेदन में होने वाली देरी से राहत मिलेगी। राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि हर जिले और लोकसभा क्षेत्र में पासपोर्ट सेवाओं को मजबूत किया जाए।