पटना के बापू सभागार में गुरुवार को बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड (Madarsa Board) का शताब्दी समारोह भव्य तरीके से आयोजित किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और मदरसा शिक्षा के 100 साल के सफर को रेखांकित करते हुए इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा की। समारोह में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, मंत्री विजय चौधरी सहित कई दिग्गज नेता, अधिकारियों और अल्पसंख्यक समाज से जुड़े प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
सीएम नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि 2005 से पहले मुस्लिम समुदाय के लिए कोई ठोस काम नहीं किया जाता था और हालात बेहद खराब थे। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले न्याय और शांति बहाल करने पर जोर दिया। 2005 में भागलपुर दंगों के दोषियों पर कार्रवाई और पीड़ितों को मुआवजा देना इसका पहला उदाहरण था।
नीतीश कुमार ने बताया कि 2006 से कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम शुरू कराया गया, ताकि विवाद न हों और समाज में सद्भाव बना रहे। उन्होंने कहा कि पहले मदरसा शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन नहीं मिलता था, लेकिन अब उनकी तनख्वाह सरकारी शिक्षकों के बराबर कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि आज बिहार में कानून का राज है और उनकी सरकार का लक्ष्य हर तबके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है।

सीएम ने इस अवसर पर मुस्लिम समाज और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने हमेशा शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि पहले अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का बजट महज 3 करोड़ 54 लाख रुपये था, जो आज बढ़कर 1080 करोड़ रुपये हो चुका है। यह बदलाव सरकार की नीतियों और प्राथमिकताओं का बड़ा उदाहरण है।
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नीतीश कुमार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए चल रही परित्यक्त महिला सहायता योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की परित्यक्त महिलाओं को 25,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने अपील की कि मुस्लिम समाज अपनी बेटियों और महिलाओं को पढ़ाई-लिखाई से जोड़े, क्योंकि शिक्षा ही उनका भविष्य बदल सकती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल अल्पसंख्यक समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग – पिछड़ा, दलित, महादलित – को बराबरी का अवसर देना है। उन्होंने बिजली व्यवस्था का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले लोग अंधेरे और परेशानी में रहते थे, लेकिन अब हर घर तक बिजली पहुँच चुकी है और गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली दी जा रही है।





















