बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए (NDA) में सीट बंटवारे की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से हुई अहम बैठक के बाद लगभग सहमति वाला फार्मूला सामने आया है। सूत्रों की मानें तो एनडीए में सीटों के बंटवारे पर लंबी चर्चा के बाद सभी दलों के बीच सहमति बन गई है और अब औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
जानकारी के मुताबिक जेडीयू (JDU) और भाजपा (BJP) दोनों को बराबर संख्या में सीटें दी गई हैं, जबकि सहयोगी दलों को भी उनकी राजनीतिक अहमियत और जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए संतुलन साधने की कोशिश की गई है। सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे का फॉर्मूला इस प्रकार तय हुआ है— जेडीयू को 100 से 102 सीटें, भाजपा को 100 से 101 सीटें, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को 20 सीटें, जीतन राम मांझी की हम (HAM) को 10 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की रालमो (RLM) को 10 सीटें मिल सकती हैं।
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के दौरान इस पर लंबी बातचीत हुई और अब गठबंधन के भीतर मतभेद की स्थिति लगभग खत्म हो चुकी है। नीतीश देर शाम दिल्ली से पटना लौट आए हैं और संकेत साफ हैं कि एनडीए अब चुनावी मोड में पूरी ताकत के साथ उतरने को तैयार है।
राजनीतिक हलकों में इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि सीट बंटवारे का यह फार्मूला बिहार के जातीय समीकरणों और क्षेत्रीय संतुलन को ध्यान में रखकर बनाया गया है। जेडीयू और भाजपा के बराबर सीटों पर लड़ने से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि गठबंधन में दोनों दलों का महत्व समान है। वहीं छोटे सहयोगियों को भी सम्मानजनक हिस्सेदारी देकर एनडीए ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी रणभूमि में हर सहयोगी की भूमिका अहम होगी।
अब दिल्ली में एनडीए की एक बड़ी बैठक प्रस्तावित है, जहां सीट बंटवारे के इस फॉर्मूले पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। इसके बाद औपचारिक घोषणा की जाएगी और गठबंधन की चुनावी रणनीति पूरी तरह से सार्वजनिक हो जाएगी। इस बीच विपक्षी महागठबंधन पर भी दबाव बढ़ गया है, क्योंकि एनडीए की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं।






















