बिहार में लोकआस्था का महापर्व छठ पूरे उत्साह के साथ शुरू हो चुका है। हर गली, घाट और मंदिर में तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के अध्यक्ष प्रो. रणबीर नंदन ने एक महत्वपूर्ण अपील जारी की है। उन्होंने राज्य के सभी मंदिरों और धर्मस्थलों से अनुरोध किया है कि इस वर्ष छठ महापर्व के दौरान मंदिर केवल पूजा-अर्चना के केंद्र न रहें, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए सहयोग और सहायता के केंद्र भी बनें।
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प्रो. नंदन ने कहा कि मंदिर प्रबंधन को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पानी, छाया, और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि छठ व्रतियों और भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। यह अपील छठ पर्व की गरिमा और भक्तों की सेवा भावना को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और प्रसाद वितरण केंद्रों की भी व्यवस्था करने का आग्रह किया गया है। पर्षद चाहता है कि कोई भी श्रद्धालु बिना पानी या प्रसाद के परेशान न हो। इसी उद्देश्य से हर बड़े मंदिर में फल, दूध, और पूजा सामग्री के वितरण के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएं।
प्रो. नंदन ने कहा कि मठ,मंदिरों की न्यास समितियां व्रती महिलाएं जो पूरे दिन व्रत रखती हैं और कई इलाकों में छठ घाट तक लंबा रास्ता तय करती हैं,उनके हेतु मंदिरों के आस-पास अस्थायी विश्राम स्थल और छांवदार पंडाल बनाए जाएं। कई मंदिरों ने इस दिशा में पहले ही पहल शुरू कर दी है। प्रो. नंदन ने यह भी बताया कि राज्य के बाहर बसे बिहारियों के मंदिरों को भी इस पहल में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली, मुंबई, सूरत, कोलकाता जैसे शहरों में स्थित मंदिरों और बिहार समुदाय के संगठनों से अपील की है कि वे भी वहां छठ मनाने वाले श्रद्धालुओं की मदद के लिए तैयारियां करें। छठ अब सिर्फ बिहार का पर्व नहीं रहा, यह दुनिया में बसे हर बिहारी की पहचान बन गया है।






















