बिहार में एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई. बिहटा के एक स्कूल में नरक जैसी स्थिति हो गई है. नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 17 में अमहारा मुसहरी टोला स्थित झुग्गी-झोपड़ी प्राथमिक स्कूल शिक्षा व्यवस्था की बदहाली की जीवंत तस्वीर पेश कर रहा है. पतली-पतली गलियों, चारों ओर गंदगी, कीचड़, जलजमाव और खुले में शौच की समस्या ने स्कूल को नारकीय वातावरण में धकेल दिया है.
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स्कूल में मात्र 16 बच्चे रह गए हैं, जबकि कभी यहां सौ से अधिक विद्यार्थी पढ़ा करते थे. वर्तमान में चार शिक्षक दो महिला, दो पुरुष तैनात हैं, जिन्हें दुर्गंध और गंदगी के बीच काम करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं बरसात में स्थिति और भयावह हो जाती है. क्लासरूम तक गंदा पानी घुस जाता है, जिसके कारण स्कूल कई दिनों तक बंद रखना पड़ता है. आंगनबाड़ी केंद्र भी इसी भवन में चलता है, लेकिन वह भी अक्सर बंद रहता है.
स्थानीय अभिभावक का कहना है कि बच्चों को मजबूरी में ऐसे माहौल में भेजना पड़ता है, जहां पढ़ाई की कल्पना भी मुश्किल है. इस स्थिति में मिड डे मील की व्यवस्था भी अव्यवस्थित है. प्रधानाध्यापक विनोद कुमार ने बताया कि उन्होंने हाल ही में ज्वाइन किया है. स्कूल में दुर्गन्ध के कारण बैठना मुश्किल है. बरसात होने पर नरक जैसी स्थिति हो जाती है. क्लास रूम तक में गन्दा पानी आ जाता है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और नगर परिषद को लिखित आवेदन देकर नली-गली की सफाई और रास्ते को दुरुस्त करने की मांग की है. अब सवाल यह है कि जब प्राथमिक स्तर की नींव ही इतनी जर्जर है तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद आखिर कैसे की जा सकती है.






















