लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र सरकार में फूड प्रोसेसिंग मंत्री चिराग पासवान अब बिहार की ‘लोकल राजनीति’ में कदम तेज़ी से बढ़ाते नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले पटना की दीवारों पर उनके बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें उन्हें बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनाने की खुली मांग की गई है। इस पोस्टरबाज़ी ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है।
राजधानी पटना के कई हिस्सों में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें चिराग पासवान की तस्वीरें ताजपोशी के दृश्य के साथ नजर आ रही हैं। पोस्टर में लिखा है, “बिहार कर रहा है इंतजार, चिराग के स्वागत को तैयार। दंगा, फसाद ना बवाल चाहिए, बिहार का सीएम चिराग चाहिए।” इसके साथ ही चिराग के पुराने अभियान ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ को भी prominently दिखाया गया है। एक और नारा पोस्टर पर दिखा: “शेर का कलेजा लेकर ऊपर वाला भेजा है।”
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बताया जा रहा है कि ये पोस्टर लोजपा (रामविलास) के शेखपुरा जिलाध्यक्ष इमाम गजाली द्वारा लगाए गए हैं। चिराग पासवान ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े कर नीतीश कुमार को कड़ी चुनौती दी थी। हालांकि वे एनडीए का हिस्सा रहे, पर जेडीयू को महज 43 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। चिराग की उस रणनीति ने उन्हें ‘बैकडोर से गेमचेंजर’ की छवि दिलाई थी।
हालांकि, उस समय चिराग पासवान ने साफ कहा था कि उनकी मुख्यमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। लेकिन हाल में दिए गए बयानों और अब इन पोस्टरों के जरिए यह चर्चा तेज हो गई है कि वे अब सीधे तौर पर बिहार की सत्ता पर नजरें गड़ा चुके हैं।
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कुछ दिनों पहले चिराग ने कहा था कि उनके पिता रामविलास पासवान की राजनीति का केंद्र हमेशा दिल्ली रहा, लेकिन मैं बिहार की राजनीति में ही रुचि रखता हूं। मैं राजनीति में बिहार और बिहारियों के लिए आया हूं। उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए, हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किस सीट से और कब चुनाव लड़ेंगे।