पटना: बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस पार्टी की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के दौरान शुक्रवार को तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली। इस दौरान नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार और अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पटना पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह घटना तब हुई जब कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे, जिसे पुलिस ने रोक दिया, और इस दौरान दोनों पक्षों में झड़प हो गई। कन्हैया कुमार को पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए देखा गया। इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा। कन्हैया ने कहा, “हम सरकार से नौकरी मांग रहे हैं।
हम सरकार से कह रहे हैं कि पलायन रोकिए। सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है और जब तक सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी, तब तक हम लोगों की बात सुनते रहेंगे और सरकार को अपनी बात सुनाते रहेंगे। हम यही कहेंगे कि लाठी नहीं, नौकरी दो।” बता दें , कांग्रेस की यह ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा बिहार में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं के पलायन के मुद्दे को लेकर शुरू की गई थी। इसकी शुरुआत 16 मार्च 2025 को पश्चिम चंपारण जिले के ऐतिहासिक भितिहरवा गांधी आश्रम से हुई थी। यह पदयात्रा बिहार के विभिन्न हिस्सों से होती हुई पटना तक पहुंची, जिसका मकसद राज्य में रोजगार के अवसरों की कमी और युवाओं के पलायन को रोकने की मांग को जोरदार तरीके से उठाना था।
इस अभियान में बिहार कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, जैसे प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC) के अध्यक्ष उदय भानु छिब, और NSUI के अध्यक्ष वरुण चौधरी शामिल रहे। पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य बीजेपी-जेडी(यू) सरकार की कथित विफलताओं को उजागर करना था, जिसके चलते बिहार के युवा रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर पलायन करने को मजबूर हैं। कन्हैया कुमार ने 10 मार्च को इस पदयात्रा की घोषणा करते हुए कहा था कि बिहार के युवा अब चुप नहीं रहेंगे और सरकार को जवाब देना होगा।
बेरोजगारी का संकट: आंकड़े और तथ्य
पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की 2022-2023 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बेरोजगार युवाओं का 60% हिस्सा ग्रामीण इलाकों से आता है, जिसमें बिहार जैसे राज्य प्रमुख हैं। बिहार, जो कभी ज्ञान और संस्कृति का केंद्र हुआ करता था, आज बेरोजगारी और पलायन की वजह से युवाओं के टूटते सपनों का प्रतीक बन गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार इस संकट को हल करने में पूरी तरह विफल रही है। बताते चलें कि शुक्रवार को जब कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में तीखी झड़प हुई। अमृत विचार की रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान पुलिस ने कन्हैया कुमार सहित कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और उन्हें कोतवाली थाने ले जाया गया। हिरासत में लिए जाने के बाद भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला कम नहीं हुआ।