श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH), मुजफ्फरपुर की अधीक्षक डॉक्टर प्रोफेसर कुमारी विभा के निलंबन के खिलाफ अब मेडिकल संस्थान के डॉक्टर खुलकर सामने आ गए हैं। आज संस्थान में डॉक्टरों की एक आपात बैठक हुई, जिसमें सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की गई। डॉक्टरों ने साफ कहा कि यदि निलंबन वापस नहीं लिया गया तो SKMCH को बंद करने का निर्णय लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि कुढ़नी रेप पीड़िता के इलाज के दौरान पटना रेफर करने की प्रक्रिया को लेकर सरकार ने डॉक्टर विभा को 4 जून 2025 को निलंबित कर दिया था। जबकि वह इस पद पर 8 मार्च 2024 से कार्यरत थीं। आईएमए के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने सरकार की जल्दबाज़ी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने कल ही इस मामले की जांच के लिए कमिटी गठित की थी, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया। यह न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि डॉक्टरों के मनोबल को भी तोड़ने वाला है।
उन्होंने यह भी दावा किया कि पीड़िता जब भर्ती हुई थी, तब उसकी हालत 30% स्टेबल थी। इलाज के बाद जब उसे पटना रेफर किया गया, तब वह 90% स्टेबल हो चुकी थी। इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई थी और हर गाइडलाइन का पालन हुआ। रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और सर्जरी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर विजय भारद्वाज ने भी इस कार्रवाई को गलत ठहराया।
उन्होंने कहा कि मरीज को रेफर करने से पहले परिजनों को सूचित किया गया। एम्स में जगह नहीं मिलने पर पीएमसीएच भेजा गया। अधीक्षक लगातार संवाद में थीं। मरीज का ऑपरेशन हमारे यहां संभव नहीं था, इसलिए बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया। डॉ. विजय ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस निलंबन आदेश को वापस नहीं लिया, तो अस्पताल बंद करने जैसे कठोर कदम पर विचार किया जाएगा।