ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में भारत की धमाकेदार 10 विकेट की जीत ने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के कार्यभार प्रबंधन की चुनौती को उजागर किया है। भारतीय टीम को सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की कमी महसूस हो रही है। खासतौर पर तब, जब बुमराह को अन्य तेज गेंदबाजों से अपेक्षित सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहम्मद शमी की उपलब्धता अभी अनिश्चित है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान घुटने में सूजन के कारण उनकी टेस्ट क्रिकेट में वापसी में देरी हो रही है। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने साफ किया कि टीम प्रबंधन शमी की फिटनेस को लेकर बेहद सतर्क है।
रोहित ने कहा, “हम शमी की फिटनेस को लेकर 100 प्रतिशत सुनिश्चित होना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि वह यहां आएं और फिर किसी गंभीर चोट का सामना करें। विशेषज्ञ उनकी स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और हम उनके अनुभव के आधार पर निर्णय लेंगे। शमी के लिए टीम में शामिल होने के दरवाजे हमेशा खुले हैं।”
हालांकि, बंगाल की टीम प्रबंधन ने शमी के घुटने में सूजन की खबर को खारिज कर दिया। बंगाल कैंप के अनुसार, शमी को मध्य प्रदेश के खिलाफ मैच के दौरान कमर में हल्की तकलीफ महसूस हुई थी, लेकिन उन्होंने इसके बाद भी गेंदबाजी की। शमी ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के प्री-क्वार्टर फाइनल में सोमवार को चंडीगढ़ के खिलाफ खेलने की पुष्टि की है।
आपको बता दें कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में बुमराह को अन्य तेज गेंदबाजों से पर्याप्त सपोर्ट नहीं मिल पाया। टीम प्रबंधन का मानना है कि शमी की मौजूदगी से न केवल बुमराह का भार कम होगा, बल्कि ऑस्ट्रेलिया के तेज विकेटों पर टीम का आक्रमण और प्रभावी होगा। जैसा कि स्थिति है, शमी संभवतः सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के अंत तक खेलना जारी रखेंगे। बंगाल टीम के प्रदर्शन के आधार पर शमी की आगे की उपलब्धता तय होगी। भारतीय टीम प्रबंधन और बीसीसीआई इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते।