बिहार की राजधानी पटना में एक अजीबो-गरीब बीमारी का नाम आया है। इस बीमारी ने सभी को शॉक कर दिया है। इस बीमारी का नाम लंगड़ा बुखार है। ये बुखार डेंगू और चिकनबुनिया से भी खतरनाक साबित हो रहा है। ये बुखार डॉक्टरों को हैरान कर दिया है। इस बुखार में मरीजों के पैरों में इतना दर्द होता है कि उन्हें चलने में भी दिक्कत होती है, इसीलिए लोग इसे ‘लंगड़ा बुखार’ कह रहे हैं। यह बुखार पटना के कई इलाकों में फैल गया है, खासकर उन इलाकों में जहां पहले डेंगू के मरीज मिले थे।
राजधानी के भूतनाथ, बाजार समिति, मुसल्लहपुर हाट, मीठापुर, पाटलिपुत्र आदि इलाके हॉट स्पॉट बन गया है। इन इलाकों से रोजाना लंगड़ा बुखार के 100 मरीज मिल रहे हैं, जो निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज करवाने पहुंच रहे हैं। इसके अलावा लोहानीपुर, कदमकुआं, भूतनाथ रोड, चित्रगुप्तनगर, कांटी फैट्री रोड, अशोकनगर, न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी, दीघा, सिपारा, जयप्रकाशनगर और पीसी कॉलोनी जैसे इलाके भी इससे प्रभावित हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक, मौसम में बदलाव के कारण लोग वायरल बुखार से ग्रसित हो रहे हैं। इसमें तेज बुखार के साथ पैरों में तेज दर्द होता है। एड़ियों और घुटनों में सूजन भी हो जाती है। मरीज को चलने में बहुत तकलीफ होती है। इसके चलते मरीज को चलने, उठने-बैठने में कठिनाई होती है। कभी-कभी कमर और घुटनों में असहनीय दर्द भी महसूस होता है।
डॉक्टरों की माने तो इस बार बुखार के मरीजों में अलग तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। जांच में ना तो डेंगू, ना चिकनगुनिया और ना ही टायफाइड निकल रहा है। लेकिन बहुत तेज बुखार के साथ पीड़ितों के पैरों में तेज दर्द, एड़ियों और घुटनों के आसपास सूजन के लक्षण मिल रहे हैं। पटना के कई मोहल्ले से ऐसे दर्जनों मामले आ रहे हैं। लोगों को चलने में भी परेशानी हो रही है।
डॉक्टर इसे लंगड़ा बुखार इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसमें मरीज को चलने में बहुत परेशानी होती है, जैसे कि वह लंगड़ा गया हो। यह बुखार चिकनगुनिया की तरह लंबे समय तक परेशान करता है। मरीज ठीक होने के बाद भी 10 से 15 दिन तक ठीक से चल नहीं पाते हैं।