घटना 6 मई सुबह की है जहां पंजाब के अमृतसर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) मुख्यालय में एक जवान तैश में आकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी है। इस घटना में गोली चलाने वाले जवान के साथ-साथ 5 अन्य जवानों की मृत्यु हो गयी। गोली चलाने वाले जवान की पहचान महाराष्ट्र के सुतप्पा के रूप में हुई है। इस घटना में गोपालगंज के बहोरा टोला गांव के रामविनोद सिंह शामिल हैं। जिनकी मौत हो गई।
आरोपी महाराष्ट्र का
बताया जा रहा है कि घटना के दिन सुबह 9.25 बजे रामविनोद सिंह के साथ उनका बेटा कर्णवीर सिंह भी बीएसएफ कैंप में मौजूद थें। चश्मदीद रामविनोद सिंह के बेटे कर्णवीर के मुताबिक महाराष्ट्र का आरोपी जवान सुतप्पा कैंप में फायरिंग करते हुए आया और पहले जीडी को मार दिया। उसके बाद आरोपी रामविनोद सिंह के पास आ गया और बन्दुक तान दी वहीं गोपालगंज रामविनोद सिंह ने हिम्मत दिखायी और सुतप्पा के बन्दुक को पकड़ लिया और रोकने की कोशिश करने लगे। वहीं आरोपी सुतप्पा ने रामविनोद सिंह के सीने को गोलियों से छलनी कर दिया।

भाग कर जान बचाई
उसके बाद एक मेस वाले को मौत के घाट उतार दिया फिर चार और जवानों को गोली मार दी। किसी तरह से कर्णवीर सिंह ने भागकर अपनी जान बचाई और परिवार को इसकी सूचना दी। रामविनोद सिंह बीएसएफ 144वीं बटालियन में हेड कांस्टेबल थे। मंगलवार को शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर को अंत्येष्टी के लिए घर लाया गया। जहां बहोरा टोला में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टी किया गया। वही बीएसएफ के जवानों द्वारा सलामी दी गई। वहीं इस दिल-दहला देनेवाली वारदात ने शहीद के पूरे परिवार को आंसूओं में डूबो दिया है।

उच्च स्तरीय जांच की मांग
शहीद की पत्नी सुशीला देवी तिरंगे से लिपटे पति के पार्थिव शरीर को पकड़ कर लिपटकर बार-बार बेहोश हो जा रही हैं। वहीं इस सदमे से भतीजा बेहोश होकर गिर जा रहा है। शहादत को याद कर पूरा परिवार सिहर जा रहा है। शहीद के परिजनों ने सरकार से रामविनोद सिंह के नाम पर गांव में प्रवेश द्वार और प्रतिमा बनाने की मांग की। साथ ही इस तरह की घटना दुबारा न हो इसके लिए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।