दिल की बीमारी नई नहीं है, लेकिन इसका एक रवैया नया है कि यह अचानक जानें ले रहा है। बीते कुछ सालों में अचानक हुई मौतों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। इसकी वजह क्या है, यह किसी को नहीं पता। ICMR जैसी संस्थाएं अभी तय इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दे पा रही हैं। हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने जो डेटा रिलीज किया है, उसमें राज्यों में अपराध की स्थिति के साथ कुछ राज्यों में दिल की बीमारी से हुई मौतों को लेकर भी एक आंकड़ा सामने आया है। इन आंकड़ों के अनसार भारत के कुछ राज्यों में मर्दों के दिल कमजोर हुए हैं।
क्या कहती है NCRB की रिपोर्ट
- साल 2022 में ही करीब 57 हजार लोगों की अचानक मौत हुई है।
- 57 हजार अचानक मौतों में से 57 पर्सेंट मामले ऐसे थे, जिनमें मृतकों को हार्ट अटैक आया था।
- 2021 के मुकाबले 2022 में अचानक मौतों के मामले में 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
- इन मौतों का शिकार होने वाले लोगों में पुरुषों की संख्या अधिक है।
- इनमें भी एक तिहाई लोगों की उम्र 45 से 60 बरस के करीब थी।
महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक में रेड जोन
कोरोना के वक्त रेड जोन के रूप में कुख्यात बने महाराष्ट्र में अचानक मौतों की संख्या सबसे अधिक है। हालांकि पिछले दिनों एक स्टडी में यह बताया गया था कि अचानक मौतों और कोरोना वैक्सीन का कोई संबंध नहीं है। लेकिन NCRB के डेटा के अनुसार बीते साल अचानक होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा 14,927 केस महाराष्ट्र से थे। इसके अलावा केरल में 6,607 और कर्नाटक में 5,848 थे। बड़ा डेवलपमेंट यह है कि 2021 में भी NCRB के डेटा के अनुसार इन्हीं राज्यों में ही सबसे अधिक ऐसी अचानक कमजोर दिल से मौतें हुई थीं। यानि ये राज्य हार्ट अटैक से अचानक मौत के मामले में रेड जोन टाइप हो गए हैं।
पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक एडवाइजरी जारी की गई थी। इस एडवाइजरी में स्वास्थ्य मंत्रालसय ने लोगों को सलाह दी थी कि जिन लोगों को कोरोना हुआ था, वे लोग कुछ सालों तक बहुत ज्यादा मेहनत और हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज न करें।