प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक घायल होने की घटना ने यूपी और केंद्र की बीजेपी सरकार के लिए नई परेशानियों का जन्म दे दिया है। इस घटना को लेकर पार्टी नेताओं की बयानबाजी ने स्थिति और भी जटिल बना दी है। बीजेपी सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी का बयान इस मामले में नया विवाद खड़ा कर रहा है। उन्होंने हादसे को मामूली बताते हुए इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया है, जिसे लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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हेमा मालिनी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, “यह कोई बहुत बड़ी घटना नहीं थी। इसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है।” उन्होंने महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में लाखों की भीड़ जुटने को देखते हुए ऐसी घटनाओं को अपरिहार्य बताया। उन्होंने कहा, “इतने बड़े आयोजन में इतने सारे लोग आ रहे होते हैं, ऐसे में घटना से बचना मुश्किल होता है।” साथ ही, उन्होंने यूपी सरकार और प्रशासन की व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत अच्छा प्रबंधन किया था।
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हालांकि, उनके इस बयान पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने हेमा मालिनी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “जब हेमा मालिनी महाकुंभ में पहुंची तो उन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट मिला था। असल स्थिति का उन्हें कोई अंदाजा नहीं है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भगदड़ की घटना की वजह पुलिस और प्रशासन का ध्यान वीआईपी सुरक्षा पर ज्यादा था, जबकि आम जनता की सुरक्षा पर उतना ध्यान नहीं दिया गया। अनवर ने यह भी कहा कि हेमा मालिनी का बयान पीड़ितों का मजाक उड़ाने जैसा है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।