चुनावी साल में झारखंड (Jharkhand) में आदिवासियों और मुसलमानों की आबादी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। झारखंड में विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि राज्य के संथाल परगना में पिछले कुछ सालों में आदिवासियों की संख्या में कमी आई है, जबकि यहां पर मुसलमान बढ़ गए हैं। पार्टी का कहना है कि यह सब साजिश के तहत हो रहा है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने एक बाद एक कई ट्वीट कर सत्ता पक्ष पर आरोप लगाये हैं।
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर लिखा है कि कांग्रेस-झामुमो सरकार की सुनियोजित साजिश और खतरनाक सोच के तहत झारखंड को ‘जिहादखंड’ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार के संरक्षण में बांग्लादेशी घुसपैठियों को प्रश्रय देकर उनके फ़र्जी कागजात तैयार किए जा रहे हैं। आदिवासी बेटियों को लव जिहाद के जाल में फंसाकर आदिवासियों की जमीनों पर कब्जे का खेल चल रहा है। आदिवासियों का धर्मांतरण करने वाला गिरोह पूरे प्रदेश में सक्रिय है। वोटबैंक और मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते आदिवासियों के अस्तित्व पर उत्पन्न संकट के संदर्भ में यह रिपोर्ट अवश्य देखें।
उन्होंने आगे लिखा है कि भगवान बिरसा मुंडा, वीर सिद्धो – कान्हो, फूलो झानो, पोटो हो जैसे आदिवासी महानायकों की धरती झारखंड में आज आदिवासी समाज अपने अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। कांग्रेस, झामुमो और राजद जैसी परिवारवादी पार्टियों ने सत्ता के लिए झारखंड में अनेकों ‘मिनी बांग्लादेश’ बसा डाला है। लव जिहाद, लैंड जिहाद, धर्मांतरण जैसी साज़िशें रचकर आदिवासियों की गौरवशाली इतिहास को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि भाजपा आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए हर संघर्ष करने को तत्पर है।

दरअसल, झारखंड बीजेपी के मुताबिक साल 1951 में जब पहली बार जनगणना कराई गई थी, उस वक्त संथाल परगना के जिलों में आदिवासियों की आबादी 44.67 प्रतिशत थी. 9.44 प्रतिशत मुसलमान थे। 45.9 प्रतिशत आबादी दलित, ओबीसी और सवर्ण समाज की थी। 1971 में इस आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी गई। साल 1971 में आदिवासियों की संख्या में गिरावट हुई और इस साल संथाल परगना में आदिवासी 44.67 से 36.22 प्रतिशत हो गए। मुसलमान 9.44 से बढ़कर 14.62 प्रतिशत हो गए।
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1981 के जनगणना में आदिवासियों की आबादी में मामूली बढ़त देखी गई। इस साल के जनगणना के मुताबिक यहां पर आदिवासियों की संख्या 36.80 प्रतिशत थी। वहीं मुसलमानों की संख्या में करीब 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। साल 2011 के जणगणना के मुताबिक संथाल परगणना में घटकर आदिवासी करीब 28 प्रतिशत पर पहुंच गए। वहीं मुसलमानों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई। मुसलमान यहां बढ़कर 22.73 प्रतिशत पर पहुंच गए।