बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को बड़ी राहत मिली है। लालू यादव और उनके परिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है। एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। इस मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव की पहले भी पेशी हो चुकी है। लेकिन तेज प्रताप यादव पहली बार पेश हुए थे। मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को तय की गई है। कोर्ट ने जमानत देते हुए सभी आरोपियों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है।
बता दें कि ED ने 11 आरोपियों के खिलाफ 2 महीने पहले 6 अगस्त को ही सप्लीमेंट्री चार्जशीट तैयार दायर की थी। ईडी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू यादव को मास्टरमाइंड बताया था। 18 सितंबर को कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए लालू यादव और 9 अन्य लोगों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया था। हालांकि, ईडी ने चार्जशीट में तेज प्रताप यादव को आरोपी नहीं बनाया था, लेकिन कोर्ट ने तेज प्रताप यादव को समन जारी किया था और कहा था कि तेज प्रताप यादव भी लालू यादव के परिवार के सदस्य हैं इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
यह पहली बार है कि तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले में अदालत ने समन भेजा है। कोर्ट ने कहा था कि बड़ी मात्रा में जमीन हस्तांतरित की गई और यादव परिवार ने अपने पद का दुरुपयोग किया। कोर्ट ने कहा था कि जमीन यादव परिवार के नाम पर ट्रांसफर की गई थी।
इस मामले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के हिसाब से केस किया गया है। एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। हमें न्यायलय पर पूरा भरोसा है। ये लोग बार-बार राजनीतिक षड्यंत्र करते रहते हैं, एजेंसियों का दुरूपयोग करते हैं। इस केस में कहीं भी दम नहीं है। हमारी जीत तय है।