बिहार के हजारों नियोजित शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। वे राज्य सरकार से स्थायीकरण, वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। इसी बीच, सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। पहले यह तिथि 15 फरवरी थी, लेकिन अब इसे 19 फरवरी कर दिया गया है। अब तक 1.20 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है। यह परीक्षा 26 फरवरी से 13 मार्च तक आयोजित की जाएगी।
यह परीक्षा उन नियोजित शिक्षकों के लिए अनिवार्य है जो राज्य सरकार से स्थायीकरण चाहते हैं। परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले शिक्षकों को ही स्थायी किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि सक्षमता परीक्षा शिक्षकों की योग्यता का आकलन करने के लिए आयोजित की जा रही है। सरकार का कहना है कि यह परीक्षा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने में मददगार होगी।
हालांकि, नियोजित शिक्षकों का कहना है कि यह परीक्षा उनका शोषण करने का एक तरीका है। उनका कहना है कि सरकार पहले से ही उनकी योग्यता जानती है और उन्हें स्थायी कर दिया जाना चाहिए।
- बिहार में लगभग 3.5 लाख नियोजित शिक्षक हैं।
- इन शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है, लेकिन उन्हें स्थायी नहीं किया जाता है।
- नियोजित शिक्षक स्थायीकरण, वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं।
- राज्य सरकार ने सक्षमता परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है।
- यह परीक्षा उन नियोजित शिक्षकों के लिए अनिवार्य है जो राज्य सरकार से स्थायीकरण चाहते हैं।
- परीक्षा 26 फरवरी से 13 मार्च तक आयोजित की जाएगी।
- अब तक 1.20 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।