बिहार की राजनीति में शब्दों की गरमागरमी एक बार फिर सुर्खियों में है। तिरहुत स्नातक क्षेत्र से नवनिर्वाचित विधान पार्षद बंशीधर ब्रजवासी ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर ऐसा विवादास्पद बयान दिया है कि राजनीतिक गलियारों से लेकर शिक्षक समुदाय तक में हड़कंप मच गया है। एक जनसभा में उन्होंने कहा, “रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों को जूते से पीटेंगे… चाहे जो हो जाए!”
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‘कानून हाथ में लेने’ की धमकी या भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज?
रविवार को समस्तीपुर के विभूतिपुर स्थित सिंघिया बुजुर्ग में आयोजित एक शिक्षक सम्मान समारोह में ब्रजवासी ने अपने संबोधन में आग-बबूला होकर कहा कि “शिक्षा विभाग में नीचे से ऊपर तक घूसखोरी का बाजार गर्म है। अगर कोई अधिकारी आपसे रिश्वत मांगे, तो उसका ऑडियो-वीडियो बनाकर मुझे बुलाइए। आप पैसे दें, हम उसे पकड़कर जूता चलाएंगे!” उन्होंने स्वीकार किया कि यह बयान ‘असंसदीय’ हो सकता है, लेकिन जोर देकर कहा, “मैं होशोहवाश में यही दोहराता हूं। भ्रष्टाचार का इलाज अब जूते से ही होगा!”
ब्रजवासी के इस ‘जूता एक्शन’ वादे को लेकर शिक्षक नेता आनंद मिश्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “यह बयान अति-उत्साह में दिया गया है। देश कानून से चलता है, न कि जूते से! जनप्रतिनिधियों को संयम बरतना चाहिए।” मिश्रा ने चेताया कि ऐसे बयानों से अराजकता फैल सकती है।
कौन हैं बंशीधर ब्रजवासी?
ब्रजवासी का राजनीतिक सफर भी उतना ही चर्चित है। वे खुद नियोजित शिक्षक रह चुके हैं, जिन्हें 2022 में तत्कालीन शिक्षा सचिव केके पाठक ने बर्खास्त कर दिया था। इस साल, उन्होंने जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर को हराकर तिरहुत सीट पर कब्जा जमाया, जो लगभग 20 साल से जदयू के पास थी। उनकी इस जीत को बिहार की राजनीति में ‘अंडरडॉग’ की सफलता माना जा रहा है।