वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि आज की दुनिया व्यापार, वित्तीय असंतुलन और ऊर्जा संकट जैसी गंभीर चुनौतियों से गुजर रही है. ऐसे अस्थिर माहौल में भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक “स्थिरता कायम करने वाली शक्ति” के रूप में उभर रहा है, जो बाहरी झटकों को झेलने और उनसे पार पाने में सक्षम है.
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वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा समय में युद्ध और रणनीतिक प्रतिद्वंद्विताएं सहयोग व संघर्ष की सीमाओं को नए सिरे से परिभाषित कर रही हैं. कभी मजबूत दिखाई देने वाले गठबंधन अब कठिन परीक्षा से गुजर रहे हैं, जबकि नए गठबंधन आकार ले रहे हैं. यह परिस्थितियां भारत की संवेदनशीलता और लचीलेपन दोनों को सामने लाती हैं.
सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि उन्हें अब कल के पदानुक्रमों से हटकर आज की वास्तविकताओं पर आधारित ढांचे विकसित करने होंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि नियम-निर्माण की प्रक्रिया में विकासशील देशों की आवाज को हाशिये पर नहीं डाला जा सकता.






















