बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर दिल्ली रवाना हुए हैं। महज 12 दिनों के भीतर यह उनका दूसरा दिल्ली दौरा है। शुक्रवार सुबह वे पटना से रवाना हुए और उनके साथ मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे। इस बार वे जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर आयोजित गृह प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं।
हालांकि यह दौरा निजी है, लेकिन बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में संभावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस यात्रा के राजनीतिक संकेतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इससे पहले 25 मई को भी नीतीश कुमार दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर थे। उस वक्त वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए बैठक में शामिल हुए थे, हालांकि नीति आयोग की मीटिंग में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया।
अब जब दो हफ्तों में दूसरी बार वे दिल्ली पहुंचे हैं, तो राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई हैं। सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक निजी कार्यक्रम है या फिर चुनावी समीकरणों और गठबंधन की रणनीतियों से जुड़ी कुछ अंदरूनी मुलाकातें भी इस यात्रा का हिस्सा हैं?
सीएम नीतीश की दिल्ली यात्रा पर चर्चा में ये
- जेडीयू सांसद देवेश ठाकुर से सीएम की मुलाकात प्रतीकात्मक हो सकती है, खासकर तब जब पार्टी अपने सांसदों को संगठित करने की कोशिश में है।
- दिल्ली का मंच अक्सर चुनावी चर्चा और गठबंधन की डीलिंग के लिए इस्तेमाल होता रहा है।
- नीति आयोग की पिछली बैठक में अनुपस्थित रहना, लेकिन एनडीए मीटिंग में शामिल होना यह दर्शाता है कि नीतीश की प्राथमिकता क्या है — केंद्र के साथ तालमेल या बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करना।