भाजपा सांसद ओम बिरला (Om Birla) 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुन लिए गए हैं। वह दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुने गए। उनका सामना कांग्रेस के के. सुरेश से था। ओम बिरला बीजेपी के सीनियर नेता है और 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर का पद संभाल चुके हैं। उस समय वह निर्विरोध चुने गए थे। एनडीए ने एक बार फिर से उनको उम्मीदवार बनाया था। वह राजस्थान की कोटा बूंदी सीट से तीसरी बार के सांसद हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा। वहीं विपक्ष की ओर से के. सुरेश का नाम प्रस्तावित किया गया। इसके बाद ध्वनिमत से ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव पारित हो गया। वोटिंग की भी जरूरत नहीं पड़ी। 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भाजपा सांसद ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उनके साथ आसन तक पहुंचे।
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बता दें कि ओम बिरला ने लोकसभा स्पीकर का चुनाव जीत कर इतिहास बना दिया है, क्योंकि देश के इतिहास में अब तक कोई भी सांसद लगातार दो कार्यकाल में स्पीकर नहीं रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सदन का सौभाग्य है कि आप दूसरी बार इस आसन पर विराजमान हो रहे हैं। आपको मेरी और इस पूरे सदन की तरफ से बहुत शुभकामनाएं। अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण कालखंड में दूसरी बार इस पद पर विराजमान होना बहुत बड़ा दायित्व आपको मिला है। हम सबका विश्वास है कि आप आने वाले 5 साल हम सबका मार्गदर्शन करेंगे।
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ओम बिरला का ताल्लुक राजस्थान के कोटा से है। उन्होंने कोटा बूंदी लोकसभा सीट से तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता है। बीजेपी से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजन को 41974 वोटों से शिकस्त देकर वह लगातार तीसरी बार संसद पहुंचे हैं। RSS का गढ़ माने जाने वाले कोटा के चुनावी मैदान में बीजेपी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर फिर से भरोसा जताया था। जो उन्होंने भी टूटने नहीं दिया। वह कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी जी के बाद लगातार तीन बार विधानसभा और तीन बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले पहले नेता हैं।