संसद का मानसून सत्र (Parliament Session) कल सोमवार (21 जुलाई) से शुरू हो रहा है और इससे पहले की सर्वदलीय बैठक से ही सत्र के हंगामेदार होने के संकेत मिलने लगे हैं। विपक्षी दलों ने सरकार को कई ज्वलंत मुद्दों पर घेरते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में बयान देने की मांग की है। रविवार को लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक रोके जाने, और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम पर दिए गए विवादास्पद बयान जैसे मुद्दों को सत्र के दौरान उठाने की बात कही।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री की आगामी विदेश यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा, जब प्रधानमंत्री को पहले से पता था कि वो 23 से 26 जुलाई तक विदेश में रहेंगे, तो इस बीच संसद सत्र क्यों बुलाया गया? प्रधानमंत्री को अपनी उपस्थिति को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोकतंत्र और संसद की गरिमा के प्रति गंभीर नहीं हैं, और सदनों में उनकी उपस्थिति निराशाजनक रही है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जुलाई से यूनाइटेड किंगडम और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर रहेंगे। 23-24 जुलाई को वे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के निमंत्रण पर यूके की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यह पीएम मोदी की चौथी यूके यात्रा होगी। इसके बाद वे 25-26 जुलाई को मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्ज़ू के आमंत्रण पर मालदीव की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। यह उनकी तीसरी मालदीव यात्रा होगी, और मुइज़्ज़ू के राष्ट्रपति बनने के बाद किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली आधिकारिक यात्रा होगी।