बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजते ही राजनीतिक बयानबाजी ने जोर पकड़ लिया है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को पटना में महागठबंधन के हाल ही में जारी घोषणा पत्र पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने इसे ‘असंभव वादों’ और ‘झूठ की राजनीति’ का प्रतीक बताते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान पासवान ने कहा, “जब आपको सरकार में आना ही नहीं है तो झूठ बोलने में क्या जाता है। अभी तो इन्होंने परिवार में एक सरकारी नौकरी की बात की है। झूठ बोलने पर आ जाएं तो हर एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी बोल देंगे। झूठ बोलने में ये इतने माहिर हैं… सबको पता है कि ये संभव नहीं है।” उनका यह बयान महागठबंधन के प्रमुख वादे – हर परिवार में कम से कम एक सरकारी नौकरी सुनिश्चित करने – पर सीधा हमला था, जिसे विपक्ष ने युवाओं के रोजगार संकट के समाधान के रूप में पेश किया है।
चिराग पासवान का यह बयान बिहार की सियासी गलियारों में हलचल मचा रहा है, खासकर तब जब महागठबंधन ने हाल ही में अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए विकास, रोजगार और सामाजिक न्याय पर जोर दिया। पासवान ने आगे महागठबंधन की आंतरिक कलह का भी जिक्र किया, कहा कि विपक्षी दलों के बीच ‘स्वाभाविक अस्वीकार्यता’ है और वे केवल वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को भी संदेश दिया कि महागठबंधन उन्हें केवल ‘बंधुआ वोट बैंक’ के रूप में इस्तेमाल करता है, न कि सच्ची भागीदारी देता।






















