बिहार की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों को धार देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने एक बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने संगठन को और मज़बूत करने के लिए 38 नेताओं को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ सौंप दी हैं। इस फैसले से न केवल पार्टी के भीतर ऊर्जा का संचार होगा, बल्कि आगामी चुनावी रणनीति भी स्पष्ट होती दिख रही है।
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बिहार में राजनीति कभी स्थिर नहीं रहती, और इस बार भी ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है। नीतीश कुमार, जो अपनी सधी हुई रणनीतियों के लिए मशहूर हैं, अब मैदान में पूरी ताकत से उतर चुके हैं। JDU के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया, जिसमें पार्टी के 38 नेताओं को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस नियुक्ति का मकसद साफ है – संगठन को मज़बूत करना और कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखना। JDU की यह रणनीति बताती है कि पार्टी चुनावी रण में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहती। बिहार में BJP के साथ गठबंधन में रहते हुए JDU यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उसकी पकड़ हर जिले में बरकरार रहे।
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