बिहार में शराबबंदी को लेकर भारी हंगामे के बीच बिहार सरकार (Bihar Government) ने शराबबंदी को सफल बनाने के लिए एक नया फरमान जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार (Additional Secretary Sanjay Kumar) ने कल 28 जनवरी को एक पत्र जारी कर शराबबंदी को सफल बनाने के लिए बिहार के सभी माध्यमिक, प्राथमिक एवं सभी तरह के शिक्षक को शराबबंदी अभियान में जुड़ने का निर्देश दिया गया है। पत्र के माध्यम से यह आदेश दिया गया है कि शिक्षक अपने आसपास शराब पीने वाले एवं शराब बेचने वाले की सूचना गुप्त रूप से देंगे। इसके लिए मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है।
शिक्षक गुस्से में
इस आदेश पत्र को शिक्षक तक पहुंचते ही शिक्षक लोग काफी गुस्से में दिख रहे हैं। शिक्षक लोग अपर सचिव के आदेश पत्र से काफी नाराज दिखे और विरोध प्रदर्शन किए । साथ ही पत्र को भी जलाने का काम किए हैं। शिक्षकों ने आदेश पत्र को वापस लेने की मांग किया है। साथ-साथ धमकीभी दी है कि आदेश वापस नहीं लिए जाने पर उग्र आंदोलन करेंगे। शिक्षको ने बताया कि हमारी बहाली शिक्षा देने के लिए हुई है। हम लोगों को शिक्षित कर सकते हैं लोगों को प्रेरित कर सकते हैं कि शराब न पीएं। सूचना देने की बात जो आदेश पत्र में दिया गया है वह हम लोग के लिए जानलेवा हो सकता है। हम शिक्षकों के साथ घटनाएं हो सकती है। हम लोग इस कम को नहीं कर सकते हैं।
सरकार बॉडीगार्ड उपलब्ध कराये
एक शिक्षक ने बताया की सरकार शिक्षकों से क्या-क्या काम करवाएगी। कभी शौचालय का काम करवाती है। कभी बोरा बेचबाती है तो कभी शराबियों को पकड़ने का काम करवाती है। एक शिक्षक ने कहा कि अगर सरकार हम लोग को शराब की खोज करवाने के काम में लगाती है तो हमें बॉडीगार्ड और हथियार भी दे। अब हम लोग बोर्ड पर लिखने के बजाएं शराबियों से भिड़ने का काम करेंगे। जरूरत पड़ी तो हथियार भी चलाएंगे शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि अगर सरकार 24 घंटे के अंदर अपने आदेश को वापस नहीं लेती है तो आज शिक्षक लोग प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं, कल से सड़कों पर शिक्षक लोग आंदोलन करेंगे। सरकार को हर हाल में इस तुगलकी फरमान के आदेश को वापस लेना होगा।
विपक्ष ने शर्मनाक बताया
वहीं इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा की सरकार की मंशा साफ हो गई है कि अब गुरुजी पाठशाला में नहीं मधुशाला में दिखेंगे और शराबियों की खोज करेंगे। मृत्युंजय तिवारी ने कहा की सरकार का सारा सिस्टम शराबबंदी को लेकर फेल हो चुका है। सरकार की पुलिस शराबबंदी को सफल बनाने में पूरी तरह फेल हो चुकी है। अब सरकार शिक्षकों को इस काम में लगा रही है। पहले भी शिक्षक लोगों को शिक्षण कार्य के अलावे कई ऐसे काम में लगाई है जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित हुआ है। अब एक नया फरमान शिक्षकों के लिए जारी किया गया है जो बेहद शर्मनाक है।