राजधानी पटना में मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आईएसबीटी तक) पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है, और 15 अगस्त से इसके संचालन की योजना है। लेकिन इस बीच, मेट्रो परियोजना को एक बड़ी बाधा का सामना करना पड़ा है। राजभवन ने मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए और जमीन देने से मना कर दिया है, जिससे परियोजना की समयसीमा पर असर पड़ सकता है।
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पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRC) ने राजभवन से मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए जमीन हस्तांतरण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) की मांग की थी, लेकिन राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने PMRC के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है।
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रॉबर्ट एल चोंग्थू के पत्र में बताया गया है कि इससे पहले पटना जू परिसर के लिए राजभवन ने 34 एकड़ जमीन पहले ही प्रदान की थी, और अब मेट्रो स्टेशन के निर्माण के लिए राजभवन परिसर की जमीन देने से इनकार किया गया है। इसके बजाय, पटना जू परिसर में ही अस्थायी और स्थायी मेट्रो निर्माण कार्य किए जाने का सुझाव दिया गया है। यह वही परिसर है जहां पहले अप्रैल 2022 में भी राजभवन ने जमीन देने से मना किया था।
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पटना मेट्रो के पूर्वी-पश्चिमी कॉरिडोर में कुल 14 मेट्रो स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है, जिसमें एक मेट्रो स्टेशन पटना जू परिसर में भी बनना है। अगर राजभवन अपने फैसले पर अड़ा रहता है, तो मेट्रो स्टेशन का निर्माण रुक सकता है, जिससे परियोजना की टाइमलाइन और पूरी योजना पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। पहले से ही इस परियोजना में देरी हो चुकी है, और यह नया घटनाक्रम पटना मेट्रो के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
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पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन अब इस समस्या का समाधान तलाशने के लिए नए विकल्पों पर विचार कर सकता है। एक संभावना चिड़ियाघर परिसर में निर्माण कार्य करने की है, लेकिन इससे पर्यावरणीय और ढांचागत समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं, इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राजभवन से पुनः बातचीत की जा सकती है, ताकि परियोजना में कोई और देरी न हो और समय पर काम पूरा हो सके।