राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य और बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य कामेश्वर चौपाल का 68 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार देर रात दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली।
शुक्रवार दोपहर तक उनका पार्थिव शरीर पटना लाया जाएगा, जहां इसे बीजेपी कार्यालय और विधान परिषद में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद, उनका अंतिम संस्कार सुपौल जिले के मरौना प्रखंड स्थित पैतृक गांव कमरैल में किए जाने की संभावना है।
कामेश्वर चौपाल काफी समय से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी बड़ी बेटी लीला देवी ने उन्हें अपनी किडनी दान की थी, लेकिन संक्रमण की वजह से उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका।
राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका
राम मंदिर आंदोलन में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है। उन्होंने ही राम मंदिर निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी और RSS ने उन्हें प्रथम कारसेवक का दर्जा दिया था। उनके निधन से राजनीतिक और धार्मिक संगठनों में शोक की लहर दौड़ गई है।
कामेश्वर चौपाल का जन्म 24 अप्रैल 1956 को बिहार के सुपौल जिले के कमरैल गांव में हुआ था। उन्होंने MA की शिक्षा प्राप्त की थी। वे अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते थे और सामाजिक व राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय थे।
उन्होंने अपने जीवन में वनवासी कल्याण केंद्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP) और विद्यार्थी परिषद जैसी संस्थाओं के साथ काम किया।
9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास कार्यक्रम में उन्होंने पहली ईंट रखी थी। इस ऐतिहासिक योगदान के लिए RSS ने उन्हें पहला कारसेवक घोषित किया।
राजनीतिक करियर
- 1991: भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए।
- 1991: रोसड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके।
- 1995 और 2000: रोसड़ा से विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
- 2002-2004: बिहार विधान परिषद (MLC) के सदस्य रहे।
- 2014: सुपौल से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली।
- 2020: उन्हें राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में शामिल किया गया।