बिहार की राजनीति में कानून व्यवस्था को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने एक जनसभा से विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए खुद को सख्त प्रशासक के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास और चरित्र देश के सामने है और आजादी के बाद दशकों तक सत्ता में रहकर उसने देश को सिर्फ नुकसान पहुंचाया। सम्राट चौधरी ने यह भी दावा किया कि हालिया चुनावों में वोट चोरी के आरोप लगाकर कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जांच में एक भी ठोस प्रमाण सामने नहीं आ सका।
अपने भाषण में सम्राट चौधरी ने कानून व्यवस्था को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए स्पष्ट किया कि गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी निभाते हुए वे किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेंगे। उन्होंने दो टूक कहा कि बिहार में अब न घुसपैठियों के लिए जगह है और न ही अपराधियों के लिए। प्रदेश की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा और अपराधियों का भविष्य तय है, उनकी मंजिल सिर्फ जेल होगी। सरकार का संदेश साफ है कि कानून तोड़ने वालों के लिए बिहार अब सुरक्षित ठिकाना नहीं रहेगा।
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महिला सुरक्षा के मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री का लहजा और भी सख्त नजर आया। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। छेड़छाड़ या उत्पीड़न की घटनाओं में शामिल लोगों को सीधे जेल भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि महिला कॉलेजों, स्कूल परिसरों और अदालतों के आसपास बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि बेटियां और महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति जमीन पर दिखे, यही उनका लक्ष्य है।
माफिया राज के खिलाफ सरकार की रणनीति पर बोलते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में लंबे समय से जमीन, बालू और शराब माफिया जैसे नेटवर्क सक्रिय रहे हैं। अलग-अलग रूपों में अपराध करने वाले इन गिरोहों को अब चिन्हित किया जा रहा है और उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई होगी। उन्होंने संकेत दिए कि सरकार सिर्फ छोटे अपराधियों पर नहीं, बल्कि पूरे माफिया तंत्र की कमर तोड़ने की तैयारी में है।
सभा का सबसे बड़ा और राजनीतिक रूप से असरदार एलान तब आया जब उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिन माफियाओं पर अपराध साबित हो जाएगा, उनकी संपत्ति सरकार जब्त करेगी। इतना ही नहीं, उस जमीन का इस्तेमाल बिहार के गरीब और वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि माफिया की जमीन पर स्कूल खोलने का फैसला केवल सजा देने की कार्रवाई नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और भविष्य निर्माण की सोच का हिस्सा है। अवैध कमाई को समाज के काम में लगाना ही सरकार की असली मंशा है।
अपने संबोधन के अंत में सम्राट चौधरी ने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए इस मुहिम को मां-बहनों के सम्मान और बिहार को अपराध मुक्त बनाने की लड़ाई बताया। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। ऐसे में ‘माफिया की जमीन पर स्कूल’ का फार्मूला न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी नई बहस और चर्चा को जन्म देता दिख रहा है।






















