बिहार में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट सोमवार को विधानमंडल में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा पेश किया जाएगा। यह बजट लगभग 3.15 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है, जो राज्य के विकास और आम नागरिकों की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा कर सकता है।
इस बजट का मुख्य फोकस नौकरी-रोजगार, महिला-युवा, खेती-किसानी और ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर पर रहेगा। जानकारी के अनुसार, बजट में नई नौकरियों के सृजन और महिला व कृषि से जुड़ी योजनाओं के लिए विशेष राशि आवंटित की जा सकती है। साथ ही ग्रामीण विकास के लिए नयी योजनाओं की भी घोषणा हो सकती है।
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सरकार की प्राथमिकता में युवाओं को रोजगार के अवसर, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, कृषि, और ग्रामीण विकास के साथ-साथ उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में भी बजट में अधिक राशि का आंवटन होने की संभावना जताई जा रही है।
चार साल के बाद, इस बजट में स्कीम मद में 10-15% की वृद्धि हो सकती है, जो 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1.10 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। 2021-22 से स्कीम मद के बजटीय प्रावधान में लगातार कमी आई थी, जो 2021-22 में 1,00,518 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में घटकर 1,00,019 करोड़ रुपये रह गया था।
विधानसभा चुनावों को देखते हुए, नीतीश सरकार इस बजट के माध्यम से आम जनता को आकर्षित करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है। सरकार बुजुर्गों की पेंशन राशि में वृद्धि करने और महिलाओं के लिए विशेष आर्थिक सहायता की घोषणा करने का प्रस्ताव रख सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आधारभूत संरचना की नई योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन इस बजट में इससे अतिरिक्त प्रावधान किए जा सकते हैं।
इसके अतिरिक्त, जातीय सर्वे के आधार पर 94 लाख गरीबों को 2-2 लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया है, और इस योजना के लिए भी बजट में अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया जा सकता है।