पटना : सोन नदी में उपलब्ध सतही जल का उपयोग करते हुए औरंगाबाद, डिहरी एवं सासाराम शहरों में हर घर में पेयजल उपलब्ध कराने की जल संसाधन विभाग की योजना का कार्य प्रगति पर है। इस योजना के कार्यान्वयन से उक्त शहरों में पेयजल के लिए भूजल पर निर्भरता खत्म होगी। साथ ही शहरवासियों को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। वर्तमान में कार्य की भौतिक प्रगति 7 प्रतिशत है। योजना को मार्च 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
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उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप प्रदेश में औसत वर्षापात में कमी और वर्षापात का समान वितरण नहीं होने के कारण एक ही समय में प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो रही है, तो कुछ जिलों में सुखाड़ की समस्या देखी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ती आबादी के कारण आधारभूत संरचनाओं पर बढ़ता दवाब, औद्योगीकरण में वृद्धि, कृषि में विस्तार एवं बदलती जीवनशैली के कारण पेयजल हेतु भू-गर्भ जल का अंधाधुंध दोहन हो रहा है।
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उक्त स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत सोन नदी में उपलब्ध जल का उपयोग करते हुए औरंगाबाद, डिहरी एवं सासाराम शहरों में पेयजल आपूर्ति की योजना की परिकल्पना की गई। इस योजना की प्राक्कलित राशि 1347.32 करोड़ रुपये है।
योजना के अधीन जलाशयों और जलशोधन हेतु आवश्यक संरचनाओं के निर्माण के साथ-साथ पेयजल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने के कार्य का प्रावधान किया गया है। योजना के कार्यान्वयन के लिए मेसर्स एनसीसी लिमिटेड, हैदराबाद को कार्य आवंटित किया गया है। जल संसाधन विभाग की इस महत्वाकांक्षी योजना के कार्यान्वयन के बाद औरंगाबाद शहर, डिहरी शहर एवं सासाराम शहर के कुल करीब 1,02,995 घरों में सोन नदी के शोधित जल की पेयजल के रूप में आपूर्ति नगर विकास एवं आवास विभाग के माध्यम से की जा सकेगी।