ज्ञानवापी मामले ने एक बड़ा मोड़ लिया है। वाराणसी कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण कराने का निर्देश दे दिया था। जिसके बाद आज एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर में पहुंची। सुबह सात बजे से सर्वे जारी था। दरअसल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित परिसर को छोड़कर बाकि परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है। सर्वे की रिपोर्ट को 4 अगस्त तक जिला जज के सामने पेश करना है। लेकिन इन सब के बीच मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और सर्वे पर तात्काल रोक लगाने की मांग की। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई शाम 5 बजे तक सर्वे पर रोक लगा दी है।
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सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मुस्लिम पक्ष
एएसआई सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि उन्हें हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का समय नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट ने भी मुस्लिम पक्ष के बातों पर संज्ञान लिया। मुस्लिम पक्ष वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया है। मुस्लिम पक्ष की तरफ से ये भी आरोप लगाया कि ज्ञानवापी परिसर में खुदाई की जा रही है। इस आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा।
जिसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है, “एक भी ईंट नहीं हटाई गई है और न ही इसे हटाने की योजना है। अभी जो चल रहा है वह माप, फोटोग्राफी और रडार है, जो संरचना को प्रभावित नहीं करेगा।” आखिरकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक सर्वे पर रोक लगा दिया है लगते हुए मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट जाने को कहा है।
हिंदू पक्ष का दावा
बता दें की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवावाद काफी पुराना है। जो कोर्ट तक भी पहुंच गया है। हिंदू पक्ष कला दावा है कि मस्जिद के नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और वहां नियमित पूजा के इंतजाम किए जाएं। हिंदू पक्ष का मांग है की ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए और वहां पूजा-पाठ करने की अनुमति दी जाए। मामला कोर्ट में तब पंहुचा जब 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन और दर्शन की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हिंदू पक्ष की याचिका पर फैसला
16 मई को महिलाओं की तरह से हिंदू पक्ष ने कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दायर किया। जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद के विवादित स्थान को छोड़ कर बाकि परिसर की एएसआई जांच की मांग की गई। इस याचिकास पर 14 जुलाई को सुनवाई पूरी हो गई थी जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। 21 जुलाई को कोर्ट ने अपना फैसला सुनते हुए एएसआई जांच करने का आदेश दे दिया। जिसपर फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।