Bihar News : बिहार में भ्रष्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि अब सरकारी अधिकारी ही नहीं, बल्कि उनके परिजन भी घोटालों में संलिप्त पाए जा रहे हैं। पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला अधिकारी के पति द्वारा बालू माफियाओं से अवैध रूप से पैसे वसूले जाने की पोल इंटरनल जांच में खुल गई है।
अवैध खनन का खेल, सरकार को भारी नुकसान
गंडक नदी के किनारे केसरिया से लेकर मलाही और बंजरिया तक अवैध बालू खनन का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा था। बालू माफियाओं और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा था। बालू उठाने के लिए खेतों से गाद हटाने का नाम लिया जाता था, लेकिन असल में जेसीबी और हाईवा से बेधड़क अवैध खनन किया जा रहा था। यह बालू न केवल स्थानीय निर्माण कार्यों में इस्तेमाल हो रहा था, बल्कि बड़े पैमाने पर ईंट-भट्टों और रेलवे प्रोजेक्ट्स तक पहुंचाया जा रहा था।
अधिकारी का ‘पति‘ बना दलाल!
इंटरनल जांच में जो खुलासा हुआ, उसने भ्रष्टाचार के नए आयाम खोल दिए। सरकारी अधिकारी खुद तो इस खेल में शामिल थे ही, उनके पति ने इसे “पारिवारिक व्यवसाय” बना लिया था! जांच में सामने आया कि महिला अधिकारी का पति हर महीने बालू माफियाओं से 50,000 रुपये वसूलता था, जिसके बदले अवैध खनन को खुली छूट दी जाती थी। यानी सरकारी कुर्सी पर बैठी अधिकारी और उसका पति दोनों मिलकर सरकारी राजस्व की बंदरबांट कर रहे थे।
छापेमारी में जब्त हुई हाईवा और जेसीबी
इस भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जब प्रशासन ने कार्रवाई की, तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। अरेराज एसडीओ के निर्देश पर गोविंदगंज इंस्पेक्टर ने छापेमारी की और अवैध खनन में इस्तेमाल हो रहे एक हाईवा और एक जेसीबी को जब्त किया। रविवार को पूरे दिन चले हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद देर रात खनन विभाग के इंस्पेक्टर ने जेसीबी और हाईवा ड्राइवर समेत पांच लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करवाई।