बिहार विधान परिषद में गुरुवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब सभापति अवधेश नारायण सिंह ने खुद सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। मामला था रोहतास जिले में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड का, जिसमें एक पुलिसकर्मी पर बर्थडे पार्टी के दौरान युवक की हत्या का आरोप लगा है।
घटना दिसंबर 2024 की है। रोहतास जिले के नगर थाना क्षेत्र में करगहर मोड़ के पास एक निजी परिसर में कुछ युवक बर्थडे पार्टी मना रहे थे। इस दौरान वहां ट्रैफिक डीएसपी आदिल बेलाल अपनी टीम के साथ पहुंचे और विवाद हो गया। इसके बाद गोली चली और 32 वर्षीय राणा ओमप्रकाश सिंह उर्फ बादल की मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि डीएसपी आदिल बेलाल ने सरकारी रिवॉल्वर से गोली चलाई, जिससे बादल की जान गई। इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डीएसपी पर कोई कठोर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें पटना में पोस्टिंग दे दी गई।
विधान परिषद में उठा मामला, विपक्ष का हंगामा
गुरुवार को विधान परिषद में इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। एमएलसी महेश्वर सिंह, निवेदिता सिंह, सुनील सिंह सहित कई नेताओं ने एकसुर में डीएसपी पर कार्रवाई की मांग की। विपक्ष ने सरकार से तीखे सवाल किए—
- “तीन महीने बीत गए, फिर भी सीआईडी जांच पूरी क्यों नहीं हुई?”
- “फोरेंसिक रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं आई?”
- “जिस अधिकारी की सरकारी रिवॉल्वर से छह राउंड फायर हुए, उसे बर्खास्त करने की बजाय प्रमोशन क्यों दिया गया?”
गुलाम गौस ने इस मामले को और गंभीर बताते हुए कहा कि यह डीएसपी मानसिक रूप से विक्षिप्त है, उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
सभापति भी सरकार पर बरसे
विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने सरकार को चेताया कि इस मामले को सिर्फ पुलिस का मामला न समझा जाए, बल्कि इसे सामाजिक दृष्टिकोण से देखा जाए। उन्होंने पूछा कि अगर कोई व्यक्ति विधानसभा आकर किसी को गोली मार दे तो क्या उसके खिलाफ भी सिर्फ विभागीय जांच ही होगी?
उन्होंने जोर देकर कहा कि इस अधिकारी को अपराधी की तरह देखा जाना चाहिए, न कि पुलिसकर्मी की तरह।