Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में अब एक-दो महीने बाकी हैं, सभी राजनीतिक दलों ने जमीनी स्तर पर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। बिहार में महागठबंधन और NDA में अभी सीट बंटवारा तो नहीं हुआ है, लेकिन बैठकें शुरू हो गई है। बिहार में कुछ ऐसी सीटें हैं जिसपर पाला बदलने वाले विधायक सीट शेयरिंग के समय परेशानी खड़ी कर सकते हैं। कैमूर जिले की चैनपुर विधानसभा सीट का चुनावी गणित एनडीए और महागठबंधन दोनों के सामने है।
2020 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर जीते जमा खां तीन माह बाद ही जदयू में शामिल हुए और उन्हें मंत्री बनाया गया। वह बसपा के इकलौते विधायक थे। फिलहाल वह अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी बृजकिशोर बिंद को हराया था। इसके पहले भी चैनपुर सीट से बसपा के टिकट पर जीतने वाले महाबली सिंह राजद और फिर जदयू में शामिल हुए थे।
उधर, राजद ने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी थी, जिसके प्रत्याशी प्रकाश सिंह को सिर्फ 5414 वोट मिले थे। यह सवाल सुलझना बाकी है कि 2020 के चुनाव में प्रतिद्वंद्वी रहे भाजपा के बृज किशोर बिंद की रणनीति क्या होगी? उधर, महागठबंधन में राजद इस सीट पर अपनी दावेदारी करेगा या कांग्रेस के लिए छोड़ेगा?
वहीं मोहनिया विधानसभा सीट, जो बिहार के कैमूर जिले में स्थित है और सासाराम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, एक अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद की संगीता कुमारी ने भाजपा के निरंजन राम को लगभग 12,000 वोटों से हराकर इस सीट पर पहली बार महिला विधायक के रूप में जीत दर्ज की। यह जीत महागठबंधन के लिए एक बड़ी कामयाबी थी। हालांकि, फरवरी 2024 में संगीता कुमारी भाजपा में शामिल हो गईं, जिससे इस सीट पर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। अब देखना होगा कि भाजपा के निरंजन राम इस सीट को लेकर समझौता करेंगे या बगावत करेंगे।






















