केंद्र सरकार ने बिहार प्रशासनिक ढांचे को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य को 10 नए भारतीय प्रशासनिक सेवा (Bihar Gets 10 New IAS Officers) अधिकारी आवंटित किए हैं। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक अधिसूचना के साथ ही यह साफ हो गया है कि 2024 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा से चयनित अधिकारियों का कैडर आवंटन पूरा कर लिया गया है। इस फैसले को बिहार में लंबे समय से चली आ रही आईएएस अधिकारियों की कमी के संदर्भ में अहम माना जा रहा है।
यूपीएससी 2024 परीक्षा से चयनित कुल 179 आईएएस अधिकारियों को देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कैडर आवंटित किया गया है। इसी प्रक्रिया के तहत बिहार को 10 नए अधिकारी मिले हैं। प्रशासनिक जानकारों का मानना है कि इससे राज्य में कामकाज की रफ्तार बढ़ेगी और उन अधिकारियों को राहत मिलेगी जो फिलहाल एक से अधिक विभागों का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।
बिहार कैडर में जिन अधिकारियों की तैनाती हुई है, उनमें झारखंड के सौरभ सिन्हा (ऑल इंडिया रैंक 43), मध्य प्रदेश की फरखंडा कुरैशी (रैंक 60), बिहार की कुमुद मिश्रा (रैंक 62) और उत्तराखंड के केतन शुक्ला (रैंक 66) प्रमुख हैं। इसके अलावा दिल्ली की कल्पना रावत (रैंक 67) और प्रिंस राज (रैंक 82), राजस्थान के नितेश गोयल (रैंक 68), अमित मीणा (रैंक 133) तथा दीपक कुमार (रैंक 178) को भी बिहार कैडर सौंपा गया है। विविध पृष्ठभूमि से आए इन अधिकारियों से राज्य प्रशासन में नए दृष्टिकोण और कार्यशैली की उम्मीद की जा रही है।
दूसरी ओर, बिहार मूल के 12 आईएएस अधिकारियों को अन्य राज्यों में कैडर आवंटित किया गया है। ऑल इंडिया रैंक 13 के हेमंत और रैंक 17 की संस्कृति त्रिवेदी को उत्तर प्रदेश भेजा गया है, जबकि रैंक 32 की शोभिता पाठक को महाराष्ट्र, रैंक 75 के रित्विक मेहता को झारखंड और रैंक 98 के ऋतिक रंजन को केरल कैडर मिला है। इसके अतिरिक्त संदीप को उत्तर प्रदेश, अर्णव आनंद गुप्ता को राजस्थान, सुधा चौहान को ओडिशा और सौरभ सुमन को असम-मेघालय कैडर दिया गया है। यह आवंटन अखिल भारतीय सेवा की उस मूल भावना को दर्शाता है, जिसमें अधिकारियों को विभिन्न राज्यों में काम करने का अवसर मिलता है।


















