[Team Insider]: बुधवार को पंजाब (Punjab) में नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा में (PM Modi Security Breach) सेंधमारी एक गंभीर मसला है। इसने केंद्र बनाम राज्य की लड़ाई छेड़ दी है। मामला अब शीर्ष अदालत में है। भाजपा ने कांग्रेस नीत पंजाब सरकार पर राजनीतिक हत्या करने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को प्रधानमंत्री के मार्ग की जानकारी लीक की गई। जिन्होंने प्रधानमंत्री के काफिले को रोक दिया। नाकेबंदी के कारण पीएम मोदी लगभग 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। इसके बाद काफिले ने यू-टर्न लिया।
YouTube पर ‘फेर देखेंगे’ नाम से वीडियो
अब, इस विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। पीएम मोदी के पुराने एनिमेटेड वीडियो किसानों द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। YouTube पर ‘फेर देखेंगे’ नाम से वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी के काफिले को एक पुल पर भीड़ द्वारा अवरुद्ध देखा जा सकता है। ऐसा प्रतीत होता है कि भीड़ ट्रैक्टरों पर मौके पर पहुंच गई थी, यह दर्शाता है कि वे किसान थे।
यहां देखें वीडियो– ‘फेर देखेंगे’ नाम से वीडियो
पीएम को भागते हुए दिखाया गया
जैसे ही काफिला रुकता है, पीएम मोदी का एनिमेटेड वर्जन उनकी कार से निकलता हुआ दिखाई देता है। भीड़ में से कुछ लोग तुरंत पीएम की कार की ओर भागने लगते हैं, जिससे उनका सुरक्षाकर्मी भाग खड़ा होता है। अगले फ्रेम में पीएम मोदी को भीड़ से बचने की कोशिश करते हुए दिखाया गया है। लेकिन वह असफल रहे हैं। जल्द ही लोगों से घिरे हुए हैं, उनमें से कुछ लाठी से लैस हैं। वीडियो खत्म होने से पहले पीएम को जमीन पर लिटाते हुए दिखाया गया है।
कांग्रेस और भाजपा में राजनीतिक मुहा-बकटी
बता दें कि बुधवार को हुई सुरक्षा चूक ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप राजनीतिक घमासान मच गया है। भाजपा ने दावा किया है कि यह घटना कांग्रेस के ‘हत्यारे इरादे’ को दर्शाती है। पंजाब सरकार जो कांग्रेस द्वारा शासित है ने दावा किया कि पीएम के जीवन के लिए कोई खतरा नहीं था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गुरुवार को उनके काफिले पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह के पास जाकर ‘लाइव उदाहरण’ का हवाला दिया।
भारत के पूर्व गृह सचिव पंजाब पुलिस और SPG को ठहराया जिम्मेदार
भारत के पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने कहा कि न केवल पंजाब पुलिस बल्कि विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी), जो प्रधान मंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) को भी सुरक्षा उल्लंघन के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
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