Voter Adhikar Yatra: बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को ‘Voter Adhikar Yatra’ का अंतिम दिन विपक्षी दलों के लिए शक्ति प्रदर्शन में बदल गया। गांधी मैदान से लेकर शहर की गलियों तक भारी भीड़ उमड़ी। सारण जिले से अकेले तीन हजार से अधिक लोग पहुंचे, वहीं आयोजकों का दावा है कि आने वाले घंटों में यह संख्या दस हजार तक जा सकती है। चारों ओर टोली-टोली में जुटे लोग एक-दूसरे को खोजते नजर आए, जिससे यह माहौल किसी जनक्रांति जैसा दिखा।
सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह और राजद नेताओं ने कहा कि बिहार की जनता तेजस्वी यादव को पहले ही अपना मुख्यमंत्री मान चुकी है। उनके अनुसार चुनाव की घोषणा केवल औपचारिकता है। नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सत्ताधारी दल पूरी ताकत से चुनाव आयोग का इस्तेमाल करके वोट चोरी की साजिश रच रहे हैं ताकि तेजस्वी यादव को सत्ता से दूर रखा जा सके।
शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग की सूची में मृत दिखाए गए करीब तीस लोगों का प्रमाण पत्र राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को सौंपा है, जबकि वे लोग जीवित हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज दबाना लोकतंत्र की हत्या है।
मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह भीड़ किसी दबाव या व्यवस्था से नहीं जुटी, बल्कि लोग स्वेच्छा से आए हैं। उनका कहना था कि यह मोदी या नीतीश की रैली नहीं, बल्कि जनता की रैली है। लोगों ने नारे लगाए—“वोट चोर गद्दी छोड़” और “तेजस्वी हमारा नेता है”। इस दौरान माहौल बेहद उग्र लेकिन उत्साही नजर आया।






















