दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है, और इस हार के बाद पार्टी के पूर्व नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भाजपा को जीत की बधाई दी और कहा कि अब दिल्ली अरविंद केजरीवाल से ‘आज़ाद’ हो गई है।
कुमार विश्वास, जो कभी आम आदमी पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक थे, ने अरविंद केजरीवाल पर व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं के सपनों को कुचलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मुझे उस आदमी के लिए कोई सहानुभूति नहीं है, जिसने पार्टी कार्यकर्ताओं के सपनों को अपने निजी स्वार्थ के लिए कुचल दिया। आज दिल्ली उससे मुक्त हो गई है। यह जनता का न्याय है।”
कुमार विश्वास बोले, आज न्याय मिल गया, सपनों का इस्तेमाल किया गया
कुमार विश्वास ने यह भी कहा कि जब उन्हें यह खबर मिली कि मनीष सिसोदिया, जो कभी केजरीवाल के सबसे करीबी साथी थे, जंगपुरा सीट से चुनाव हार गए, तो उनकी पत्नी (जो राजनीति में रुचि नहीं रखतीं) भावुक हो गईं और रो पड़ीं। उन्होंने कहा, “जब हमें मनीष सिसोदिया के जंगपुरा से हारने की खबर मिली, तो मेरी पत्नी, जो राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं रखती, रो पड़ीं।”
कुमार विश्वास ने यह संकेत दिया कि आम आदमी पार्टी जिस उद्देश्य और सपनों के साथ बनाई गई थी, वह अब समाप्त हो चुकी है और पार्टी केवल अरविंद केजरीवाल की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं का माध्यम बन गई थी।
यह भी पढ़ें : दिल्ली में भाजपा की ऐतिहासिक वापसी, केजरीवाल का ‘कट्टर ईमानदार’ दांव फेल
“भाजपा को बधाई, उम्मीद है दिल्ली की जनता के लिए काम करेगी”
दिल्ली चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कुमार विश्वास ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत की बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे दिल्ली के लोगों के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा को इस जीत की बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे दिल्ली के लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे।”
गौरतलब है कि कुमार विश्वास ने 2018 में अरविंद केजरीवाल से मतभेद के चलते आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी। तब से लेकर अब तक वे लगातार केजरीवाल की राजनीति की आलोचना करते रहे हैं।
यह भी पढ़ें : आतिशी ने रख ली AAP की ‘लाज’… कालकाजी से रमेश बिधूड़ी को हराया
दिल्ली में केजरीवाल की हार: एक राजनीतिक युग का अंत?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार को कई लोग केजरीवाल की राजनीतिक यात्रा के सबसे कठिन दौर के रूप में देख रहे हैं। 2015 और 2020 में प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार करारी शिकस्त मिली। इस हार में शराब घोटाले, भ्रष्टाचार के आरोप और भाजपा के आक्रामक प्रचार अभियान की बड़ी भूमिका रही।
कुमार विश्वास, जो एक समय केजरीवाल के करीबी रहे थे, ने इस हार को ‘जनता का न्याय’ करार देते हुए संकेत दिया कि दिल्ली की जनता ने अब आम आदमी पार्टी को नकार दिया है।