बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीत में दल-बदल का सिलसिला शुरू हो गया है। राजनीतिक दलों में खींचतान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता और अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव धर्मेंद्र चौहान ने पार्टी से इस्तीफा देकर प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली ‘जन सुराज’ पार्टी का दामन थाम लिया।
धर्मेंद्र चौहान बीते 26 वर्षों से नीतीश कुमार के साथ जुड़े रहे हैं। समता पार्टी के जमाने से लेकर जदयू के मौजूदा ढांचे तक उन्होंने संगठनात्मक कार्यों और चुनावी रणनीतियों में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन अब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ छोड़ते हुए जन सुराज के साथ अपनी नई राजनीतिक पारी शुरू कर दी है। यह कदम राजनीतिक गलियारों में एक बड़े ‘खेला’ के रूप में देखा जा रहा है।
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नालंदा जिले के इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित कस्तूरी बिगहा गांव निवासी चौहान नोनिया-बिंद-बेलदार समाज के प्रभावशाली नेता हैं। शनिवार को एकंगरसराय के सुखदेव अकादमी मैदान में हजारों समर्थकों की मौजूदगी में उन्होंने जन सुराज की सदस्यता ली। इस मौके पर प्रशांत किशोर ने खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर इस्लामपुर से भाजपा के पूर्व महामंत्री नीरज कुमार चंद्रवंशी ने भी जन सुराज की सदस्यता ली।
जन सुराज में शामिल होते हुए चौहान ने कहा, “मैं बिहार में भ्रष्टाचारमुक्त शासन, जातिवाद और परिवारवाद से मुक्ति तथा सकारात्मक बदलाव के लिए जन सुराज से जुड़ा हूं। मेरा लक्ष्य गांव से लेकर राजधानी तक संगठन को मजबूत बनाना है।” उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दी जानी चाहिए।