कांग्रेस की हालिया रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लगाए गए नारों को लेकर सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे पर अब पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav on PM Modi) की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसने राजनीतिक बहस को और तेज कर दिया है। सोमवार, 15 दिसंबर 2025 को पप्पू यादव ने न सिर्फ प्रधानमंत्री पर सवाल उठाए, बल्कि सत्ता पक्ष की संसदीय प्राथमिकताओं पर भी गंभीर टिप्पणी की।
पप्पू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक भाषणों में गाय, जेवर और सांड जैसे शब्दों का प्रयोग किया है, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदर्भ में ‘डीएनए’ जैसे शब्द बोले गए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ‘डीएनए’ से बड़ी कोई गाली हो सकती है। उनका तर्क था कि अगर ऐसे बयान पहले दिए जा चुके हैं, तो आज नारों को लेकर इतना बड़ा हंगामा क्यों खड़ा किया जा रहा है।
सांसद ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस के मंच से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया। उनके मुताबिक अगर किसी कार्यकर्ता ने कहीं कुछ कहा भी हो, तो वह न तो सदन का मुद्दा बना और न ही उसे संसदीय बहस का आधार बनाया जाना चाहिए। पप्पू यादव का आरोप है कि सत्ता पक्ष खुद संसद को सुचारु रूप से चलने नहीं दे रहा है और जानबूझकर ऐसे मुद्दों को उछाला जा रहा है, ताकि वास्तविक समस्याओं पर चर्चा न हो सके।
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उन्होंने कहा कि जब संसद में प्रदूषण, आतंकवादी हमले, महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों पर बात नहीं हो रही है, तो यह मान लेना चाहिए कि सरकार देश के प्रति गंभीर नहीं है। पप्पू यादव के अनुसार संसद का इस्तेमाल आरोप-प्रत्यारोप के लिए किया जा रहा है, जबकि आम जनता की जिंदगी से जुड़े सवाल हाशिए पर चले गए हैं।
अपनी बात को और भावनात्मक रूप देते हुए पप्पू यादव ने एक बच्ची का जिक्र किया, जिसने उनसे ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था कराने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते शिक्षा, रोजगार और मिडिल क्लास की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आने वाले समय में बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। उनका तंज था कि सदन में बैठने वाले एक प्रतिशत लोगों के परिवार सुरक्षित हैं, लेकिन मध्यम वर्ग की जिंदगी लगातार तबाह हो रही है।






















