बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब भी यात्रा पर निकलते हैं, तो विकास योजनाओं की झड़ी लगा देते हैं। उनकी ‘प्रगति यात्रा’ के तहत शनिवार को बक्सर में भी यही नज़ारा देखने को मिला। 450 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात, जीविका दीदियों से मुलाकात और जिले के विकास कार्यों की समीक्षा के साथ उन्होंने भविष्य की बुनियाद रखी। लेकिन उनके दौरे के बाद जो हुआ, उसने सभी को हैरान कर दिया।
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फूलों की सजावट से ‘लूट’ तक का सफर
नीतीश कुमार के स्वागत में बक्सर शहर को खूबसूरती से सजाया गया था। खासकर सर्किट हाउस के रास्ते पर दोनों ओर फूलों के गमले लगाए गए थे, जो मुख्यमंत्री की आगवानी में शहर को नई रौनक दे रहे थे। लेकिन जैसे ही सीएम का काफिला वहां से निकला, नज़ारा अचानक बदल गया।
स्थानीय लोग, खासकर बच्चे, गमलों की तरफ दौड़ पड़े और उन्हें उठाकर भागने लगे। कुछ लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जब दर्जनों लोग एक साथ गमले उठाकर भागने लगे तो प्रशासन भी कुछ नहीं कर सका। चंद मिनटों में पूरा रास्ता गमलाविहीन हो गया!
प्रशासन की ‘सजावट’, जनता की ‘स्मृति चिन्ह’!
यह दृश्य प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। अधिकारियों ने शहर को मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए भव्य तरीके से सजाया था, लेकिन शायद उन्होंने सोचा भी नहीं था कि गमले जनता के लिए यादगार ‘स्मृति चिन्ह’ बन जाएंगे! क्या यह सिर्फ बच्चों की मस्ती थी या आम जनता के बीच संसाधनों की असमानता की झलक? यह एक बड़ा सवाल बन गया है।
450 करोड़ की विकास योजनाएं: क्या बदलेगी बक्सर की तस्वीर?
नीतीश कुमार ने बक्सर में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया:
- 49.95 करोड़ की लागत से रघुनाथपुर-टुड़ीगंज रेलवे स्टेशनों के बीच आरओबी का निर्माण होगा।
- 24.56 करोड़ की लागत से होटल विश्वामित्र विहार को आधुनिक सुविधाओं से लैस मल्टीस्टोरी होटल में बदला जाएगा।
- 14.99 करोड़ से जेल पईन रोड का निर्माण पूरा हुआ।
- 5.83 करोड़ की लागत से 12 नए अतिथि गृह बनाए गए।
- 2.43 करोड़ से चौसा युद्ध मैदान का सौंदर्यीकरण किया गया।
- 2.09 करोड़ की लागत से कलेक्ट्रेट का नया सभाकक्ष बनाया गया।
- कर्मनाशा नदी पर निकृष पंप नहर योजना का भी उद्घाटन किया गया।